पिछले दिनों चांदनी एंटरप्राइजेज के यूट्यूब चैनल पर घाम-पानी गीत रिलीज हुआ. गीत का वीडियो और संगीत खूब सराहा जा रहा है यूट्यूब पर 60 हज़ार से ज्यादा लोग गीत को देख चुके हैं. गीत में अपनी तरह का एक नया प्रयोग किया गया है. घाम-पानी के वीडियो की टीम से जुड़े के युवाओं से हुई बातचीत:
(Talk with Team Ghaam Pani)
लवराज का यह पहला निर्देशन है इस संबंध में वह कहते हैं: घाम-पानी को बनाते हुए मैंने व्यक्तिगत रूप से तो बहुत कुछ सीखा है. फिल्म मेकिंग ऐसी चीज़ है कि आप चाहे किसी भी बड़े फिल्म स्कूल में चले जाए, काम करना आप तब ही सीखेंगे जब आप फिल्ड में आयेंगे. फिल्म मेकिंग के साथ सबसे खूबसूरत पर सबसे मुश्किल चीज़ ये है कि इसमें परफेक्ट प्लानिंग जैसी कोई चीज नहीं होती.
युवाओं के सामने आर्थिक चुनौती हमेशा रहती है इस पर लवराज बताते हैं कि इस बार आर्थिक रूप से चुनौतियां तो नहीं आई. मैं यहां पर यह जोड़ना चाहूंगा कि हम लोग प्रोड्यूसर की बहुत ज्यादा बात नहीं करते लेकिन ये बहुत थैंकलैस जॉब है क्योंकि पैसे का काम पैसा ही करता है. नवीन दा के साथ सबसे अच्छी बात ये है कि वो अपने कलाकारों पर बहुत ज्यादा भरोसा करते है, वो आप से काम करते हुए कभी मोल भाव नहीं करेंगे. पूरी क्रियेटिव फ्रीडम देते है, इतना सहयोग मिले तो कलाकार फ्री माइंड से काम करते है इसलिए आर्थिक चुनौती तो बिल्कुल भी नहीं आई.
वीडियो में जुड़े कलाकारों की कास्टिंग पर लवराज कहते हैं कि एक बड़ी चुनौती कास्टिंग को लेकर थी. प्रिया को मैंने शकुना दे में देखा था. वो बहुत अच्छी अभिनेत्री है. गीत दरअसल मेल लीड का फ्रेम है, उसी को कहानी को चलाना है प्रिया का किरदार इसको गति देता है. ऐसे में सही अभिनेता ढूंढने में बहुत मुश्किल आई. नीरज ने थियेटर किया था और वो इस किरदार पर ठीक बैठ रहा था जो मैंने लिखा हुआ था. अपने किरदार के साथ नीरज ने काफी मेहनत की और वो कई सारी चीजें ले कर आया. मसलन मेरे लिए जरूरी था कि क्लाईमैक्स में जब नीरज पीठ पल्टा कर चलना शुरू करे तो उसकी चाल में ये चीज हो कि बस मैंने अपना काम कर दिया है और अब आगे क्या होगा मुझे कोई फ़िक्र नहीं. वह लापरवाही लाए बिना हमारा क्लाईंमैक्स ही नहीं हो पाता तो अब अगर आप गौर करेंगे तो नीरज ने दरअसल चलने का वो तरीक़ा जोकर फिल्म के अभिनेता जोकिन फीनिक्स से लिया है. को-एक्टर्स से काम कराना एक चुनौती थी क्योंकि वो लोग प्रोफेशनल एक्टर्स नहीं हैं मेरे गांव के लड़के हैं. उनमें से ज्यादातर ने कैमरा कभी फेस नहीं किया. वो लोग बहुत अच्छा काम कर रहे थे लेकिन कैमरे के सामने हिचकिचाहट महसूस कर रहे थे. उनके ज्यादातर शॉट्स हमने रिहर्सल के बहाने चुपचाप कैमरा चला कर निकाले हैं.
घाम पानी में मुख्य किरदार नीरज बताते हैं कि मैंने जब कहानी सुनी मुझे तुरन्त साहिर साहब याद आये, ‘वो अफ़साना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन…’ इस गाने को लेकर हम सब काफ़ी उत्साहित हैं. सभी ने मेहनत से काम किया. करीब आठ महीनों तक अलग अलग शहरों में रहते हुए हमने गीत से जुड़ी बातचीत की, तैयारियां की. जब लगभग सभी से शूटिंग से एक रोज़ पहले मेरी पहली मुलाकात हुई तो ख़ास बात यह थी कि हम सभी एक पेज पर थे.
घाम पानी में अभिनय करने वाली प्रिय अधिकारी बताती हैं कि घाम-पानी में गाने से पहले कहानी बनी जो मुझे बहुत पसंद आई. सिंपल सादी कहानी. फिर जब गाने के बोल लिखे गए तो गीत से प्यार ही हो गया. इस गाने को पर्फैक्ट तो नहीं कहूंगी मगर लेकिन एक बार सुनने के बाद दुबारा जरुर सुनेंगे.
(Talk with Team Ghaam Pani)
वीडियो के सिनेमेटोग्राफर उमेश चौधरी अपना अनुभव साझा करते हुये बताते हैं कि स्क्रिप्ट बहुत अच्छी तरह से लिखी गई थी, मतलब अगर आप उस स्क्रिप्ट को पढ़ेंगे तो खुद सही फ्रेम और किरदार आपको नजर आ जायेंगे. कई बार स्क्रिप्ट में डिटेलिंग बहुत अच्छी तरह से नहीं होती तब फ्रेम सेट करने में बहुत मुश्किल आती है लेकिन यहां चीजें पहले से क्लियर थी कि कहानी कैसी दिखनी चाहिए. लवराज के साथ काम करने का सबसे बड़ा एडवान्टेज़ यह है कि वो फ्रीडम बहुत देते है वो कैमरे के काम में बिल्कुल दखलंदाजी नहीं करते.
मुनस्यारी के लोगों को लेकर अपने अनुभव पर उमेश कहते हैं कि लोग सपोर्ट करते हैं बहुत ज्यादा. मतलब ऐसा लगता नहीं कि किसी एक का प्रोजेक्ट है हमने जहां भी शूट किया लोग बहुत जोश से मदद करने आए.
गीत के आइडिया पर लवराज बताते हैं कि दरअसल यह आइडिया एक नेपाली गीत से आया था “जेल पनि ” वो एक बहुत स्वीट कहानी है, बहुत सरल. उसका संगीत भी बहुत खूबसूरत लेकिन सरलता से भरा हुआ है. मुझे लगा यार बिना चटक-भटक के ऐसी तमाम कहानियां हम भी तो कह सकते है मैंने शाम को कहानी लिखी. घाम पानी की कहानी दरअसल हमेशा मेरे पास थी, वो मेरे कई सारे दोस्तो की कहानी है. घाम पानी का लड़का दरअसल उन सबका फ्यूजन है.
(Talk with Team Ghaam Pani)
लीक से हटकर बने इस गीत पर काम करने वाले नीरज और प्रिया दोनों ही एक किस्म का बदलाव पर नीरज का कहना है कि बदलाव तो पता नहीं पर हाँ गीत के बाद लोगो की बहुत तारीफ़ मिल रही है, वीडियो पर लम्बे विस्तृत कमैंट्स देख कर सुखद अनुभूति हो रही है क्रिटीकली काम की सराहना हो रही है. इस बात पर प्रिय कहती हैं कि लोगों से जो प्यार मिल रहा है उससे खुशी हो रही है कि लोग कुछ अलग देखकर उसे अपना रहे हैं.
(Talk with Team Ghaam Pani)
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