अपने ही कलाकारों का तिरस्कार कर संस्कृति का कैसा महोत्सव मनाया जा रहा है अल्मोड़ा में
Posted By: Kafal Treeon:
मैं ये बात अब कहना जरूरी समझता हूँ या अब चुप नहीं रहा जाता. कल ठीक इसी समय फ़ोन पर अपने दगड़ी से इस बात पर चर्चा हो रही थी कि एक महान लोकगायक की बेटी के लिए अपना इलाज कराना असंभव हो रखा है ह... Read more
Popular Posts
- कानून के दरवाजे पर : फ़्रेंज़ काफ़्का की कहानी
- अमृता प्रीतम की कहानी : जंगली बूटी
- अंतिम प्यार : रवींद्रनाथ टैगोर की कहानी
- माँ का सिलबट्टे से प्रेम
- ‘राजुला मालूशाही’ ख्वाबों में बनी एक प्रेम कहानी
- भूत की चुटिया हाथ
- यूट्यूब में ट्रेंड हो रहा है कुमाऊनी गाना
- पहाड़ों में मत्स्य आखेट
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : जिंदगानी के सफर में हम भी तेरे हमसफ़र हैं
- स्वयं प्रकाश की कहानी: बलि
- सुदर्शन शाह बाड़ाहाट यानि उतरकाशी को बनाना चाहते थे राजधानी
- उत्तराखण्ड : धधकते जंगल, सुलगते सवाल
- अब्बू खाँ की बकरी : डॉ. जाकिर हुसैन
- नीचे के कपड़े : अमृता प्रीतम
- रबिंद्रनाथ टैगोर की कहानी: तोता
- यम और नचिकेता की कथा
- अप्रैल 2024 की चोपता-तुंगनाथ यात्रा के संस्मरण
- कुमाउँनी बोलने, लिखने, सीखने और समझने वालों के लिए उपयोगी किताब
- कार्तिक स्वामी मंदिर: धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का आध्यात्मिक संगम
- ‘पत्थर और पानी’ एक यात्री की बचपन की ओर यात्रा
- पहाड़ में बसंत और एक सर्वहारा पेड़ की कथा व्यथा
- पर्यावरण का नाश करके दिया पृथ्वी बचाने का संदेश
- ‘भिटौली’ छापरी से ऑनलाइन तक
- उत्तराखण्ड के मतदाताओं की इतनी निराशा के मायने
- नैनीताल के अजब-गजब चुनावी किरदार