गंगोत्री धाम का इतिहास
उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल के उत्तरकाशी जिले में भागीरथी नदी के तट पर है चार धामों में से एक गंगोत्री. जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से इसकी दूरी 97 किमी है. यहाँ पहुंचकर गंगा उत्तर की ओर बहने लगती... Read more
गंगा मंदिर मुखीमठ: गंगा मैया का शीतकालीन प्रवास
उत्तरकाशी गंगोत्री रोड पर 73 किमी की दूरी पर बसे खूबसूरत गाँव हरसिल को भला कौन नहीं जानता. हरसिल से ही भागीरथी नदी को पार कर लगभग 3.50 किमी की दूरी तय करने के बाद आता है मुखबा. हरसिल से 3 कि... Read more
कल्पकेदार: सत्रहवीं शताब्दी का पौराणिक शिव मंदिर
साल 1945 में धराली के ग्रामीणों को गंगा नदी के किनारे मंदिर का शीर्ष भाग नजर आया. कौतुहल के साथ ग्रामीणों ने खुदाई शुरू की. लगभग 14 फीट की खुदाई के बाद कल्प केदार मंदिर समूह का एक समूचा शिव... Read more
चट्टी: चारधाम यात्रा के पारंपरिक पड़ाव
आज उत्तराखण्ड की चार धाम यात्रा के सभी पड़ाव सड़क व वायु मार्ग से जुड़े हुए हैं. यात्रा मार्गों पर गढ़वाल मंडल विकास निगम समेत द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं के अलावा भी सैकड़ों होटल, सारे, होम स्ट... Read more
उत्तरकाशी जिले में भटवाड़ी तहसील के टकनौर परगने में समुद्र तल से 10020 फीट ऊंचाई पर स्थित है गंगोत्तरी. केदारखंड के अध्याय 12, 36 व 39 में इसे ‘गंगोत्तर तीर्थ’ कहा गया. गंगोत्तरी मंदिर के ऊपर... Read more
गोमुख, गंगोत्री और तपोवन की यात्रा
गोमुख, गंगोत्री और तपोवन की यात्रा – चेतना जोशी अपनी सहूलियत से कभी धार्मिक होने, तो कभी नहीं होने में अपना मजा है. पर धर्म अगर पहाड़ों की सैर करा दे तो धार्मिक होना ही बेहतर है. यों तो... Read more
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