हेम पंत मूलतः पिथौरागढ़ के रहने वाले हैं. वर्तमान में रुद्रपुर में कार्यरत हैं. हेम पंत उत्तराखंड में सांस्कृतिक चेतना फैलाने का कार्य कर रहे ‘क्रियेटिव उत्तराखंड’ के एक सक्रिय... Read more
1994 के बाद उत्तराखंड आन्दोलन में जबरदस्त जनउभार देखने को मिला. 1 सितंबर 1994 को खटीमा में करीब दस हजार से ज्यादा लोगों ने एक जुलूस निकाला. जुलूस में पूर्व सैनिक, छात्र, और महिलाएं बड़ी संख्... Read more
यह किन हाथों में सौंप दिया उत्तराखंड का कारोबार
उत्तराखंड पुलिस के पूर्व महानिदेशक बी.एस. सिद्धू पर एन.जी.टी. ने 46,14,960 रुपये का जुर्माना लगाया है. प्रदेश में नौकरशाही में भ्रष्टाचार का चर्चा तो बहुत होता रहा है, लेकिन पुलिस के सर्वोच्... Read more
कद्दू और मुटल्ली बुढ़िया की कथा
एक बुढ़िया अपने बेटे बहू के साथ एक अकेले घर में रहती थी. वे दोनों उसके साथ बुरा बर्ताव करते और बहुत दुख करते. बुढ़िया अपने दुख की कथा अपने अंदर दबाये रखती जिससे वह दिन दिन मोटी होती गयी. अब तो... Read more
अभिनय, स्वांग और रोमांच का उत्सव ‘हिल-जात्रा’
पिथौरागढ़ में बुधवार को ‘हिल-जात्रा’ मनाई गई. यह एक ख़ास आयोजन है जो कि सिर्फ़ पिथौरागढ़ में ही मनाया जाता है. आठूँ-सातूँ पर्व के आठ दिन बाद हर साल हिलजात्रा मनाई जाती है जिसमें... Read more
जोगी और गौरा की कथा
दिन भर रुक रुक कर बारिश और उसके साथ बर्फ पड़ती रही.माँ और दादी नंगे पैर पनदेरे से गागर में पानी सारते रहे.पूरे घर के लिए और गाय बाछी के लिए. दोनों के पैर ठंडी से नीले हो गए. दादा जी ने ओबरे म... Read more
मेरी अबू, तू कहां गई मुझे उदास छोड़ कर
गणेश जोशी हल्द्वानी निवासी गणेश जोशी एक समाचारपत्र में वरिष्ठ संवाददाता हैं. गणेश सोशल मीडिया पर अपनी ‘सीधा सवाल’ सीरीज में अनेक समसामयिक मुद्दों पर ज़िम्मेदार अफसरों, नेताओं आदि... Read more
उत्तराखंड में गलबहियां डाले पक्ष-विपक्ष
सत्तापक्ष व विपक्ष में याराना नज़र आने लगे तो राजनीतिक सरगर्मियों का बढ़ना स्वभाविक है. ऐसा ही कुछ हो रहा है प्रदेश की दो धुरविरोधी पार्टीयों कांग्रेस और भाजपा के बीच. बीजेपी की सरकार बनने से... Read more
– (काफल ट्री डेस्क) कॉर्बेट नेश्नल पार्क में बाघ संरक्षण के लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से उठाए गए क़दमों पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अगले तीन महीने के लिए कॉर... Read more
नए शैक्षिक सत्र के शुरू होने के चार महीनों बाद भी सर्व शिक्षा अभियान के तहत एक से आठवीं तक की कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को ड्रेस की रक़म चार महीने बाद भी नहीं मिल पाई है. इससे पत... Read more
Popular Posts
- उत्तराखंड में सेवा क्षेत्र का विकास व रणनीतियाँ
- जब रुद्रचंद ने अकेले द्वन्द युद्ध जीतकर मुगलों को तराई से भगाया
- कैसे बसी पाटलिपुत्र नगरी
- पुष्पदंत बने वररुचि और सीखे वेद
- चतुर कमला और उसके आलसी पति की कहानी
- माँ! मैं बस लिख देना चाहती हूं- तुम्हारे नाम
- धर्मेन्द्र, मुमताज और उत्तराखंड की ये झील
- घुटनों का दर्द और हिमालय की पुकार
- लिखो कि हिम्मत सिंह के साथ कदम-कदम पर अन्याय हो रहा है !
- पुष्पदन्त और माल्यवान को मिला श्राप
- डुंगरी गरासिया-कवा और कवी: महाप्रलय की कथा
- नेहरू और पहाड़: ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ में हिमालय का दर्शन
- साधारण जीवन जीने वाले लोग ही असाधारण उदाहरण बनते हैं : झंझावात
- महान सिदुवा-बिदुवा और खैंट पर्वत की परियाँ
- उत्तराखंड में वित्तीय अनुशासन की नई दिशा
- राज्य की संस्कृति के ध्वजवाहक के रूप में महिलाओं का योगदान
- उत्तराखण्ड 25 वर्ष: उपलब्धियाँ और भविष्य की रूपरेखा
- आजादी से पहले ही उठ चुकी थी अलग पर्वतीय राज्य की मांग
- मां, हम हँस क्यों नहीं सकते?
- कुमाउनी भाषा आर्य व अनार्य भाषाओं का मिश्रण मानी गई
- नीब करौरी धाम को क्यों कहते हैं ‘कैंची धाम’?
- “घात” या दैवीय हस्तक्षेप : उत्तराखंड की रहस्यमयी परंपराएँ
- अद्भुत है राजा ब्रह्मदेव और उनकी सात बेटियों के शौर्य की गाथा
- कैंची धाम का प्रसाद: क्यों खास हैं बाबा नीम करौली महाराज के मालपुए?
- जादुई बकरी की कहानी
