गंगोत्री धाम के गर्भगृह से देखिये हिन्दुस्तान पाकिस्तान क्रिकेट मैच का सीधा प्रसारण
विश्व कप में भारत और पाकिस्तान के मैच को जैसे वर्ल्ड वार की तरह पेश किया जा रहा था उससे लगा था कि अब इससे केवल देवता ही बचा सकते हैं. लेकिन हिन्दुस्तान-पाकिस्तान के मैच के क्रेज से अबकी भगवा... Read more
पहाड़ घूमने आ रहे हैं तो बिर्थी फॉल देखने जरूर जाएं
उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी से करीब 35 किलोमीटर दूर है बिर्थी जलप्रपात. अल्मोड़ा-मुनस्यारी मार्ग के रास्ते में पड़ने वाले तेजम से इसकी दूरी 14 किलोमीटर है. यहाँ पहुँचने का एक और र... Read more
बिशन गुरु की मार और ईश्वर से चवन्नी की गुजारिश
जब मैं पहली बार शहर के स्कूल पहुँचा सन 1955 तक मैंने गाँव के स्कूल में पढ़ा जो चारों ओर से ऊँची-नीची पहाड़ियों से घिरे खुले पठारनुमा शिखर पर एक तपस्वी की तरह हर वक़्त हमारी आँखों के सामने मौजूद... Read more
सोशल मीडिया पर बीते एकाध दिनों से एक वीडियो वायरल हो रहा है. (Uncontrolled Tourism in Kedarnath) पृष्ठभूमि में केदारनाथ धाम की गरिमामय छवि है और उसके ठीक पीछे हरे पहाड़ों पर बर्फ. वीडियो ऑन क... Read more
बुग्यालों से होते हुए मुनस्यारी तक का ट्रेक और पांगती मास्साब का म्यूजियम
गोगिना से नामिक गांव होते हुए मुनस्यारी- 2 पिछली कड़ी : बागेश्वर के गोगिना से नामिक गांव की यात्रा के बहाने पहाड़ का जन-जीवन सुबह नाश्ते में योगेश की फरमाइश पर पराठों का भोग लगाकर हम अपने अगले... Read more
केदारनाथ आपदा के छः साल बाद भी सबक न सीखने वाली उत्तराखंड सरकार को उमा भारती की यह बात सुननी चाहिये
आज 16 जून है. उत्तराखंड के इतिहास की एक ऐसी तारीख जिसे अगले कई सालों तक याद रखा जायेगा हो सकता है कि प्राकृतिक आपदा पर जब कभी भी बात की जाय तो इस तारीख का जिक्र हमेशा किया जाय. छः साल बाद भी... Read more
पहाड़ की घसियारिनों के गीतों को देश भर में गुंजा देने वाली इस गायिका की पहली पुण्यतिथि है आज
बेड़ु पाको, पार भिड़ा की बसन्ती छोरी, सुर सुर मुरली बाजगे, ओ लाली हो! लाली हौसिया और न जाने कितने गीतों को पहाड़ की घस्यारियों ने रेडियो पर सुना होगा और न जाने कितनों ने अपने जंगल खेत खलिहानों... Read more
इन दिनों औली 200 करोड़ की शादी के चलते खबरों में है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री का तो यहां तक बयान सुनने में आ रहा है कि यह शादी विश्व मानचित्र पर औली को स्थान देगी. कोई मुख्यमंत्री को जाकर बता... Read more
गोगिना से नामिक गांव होते हुए मुनस्यारी- 1 बागेश्वर से हिमालय के साथ ही हरे-भरे बुग्यालों को जाने वाले कई रास्ते झरनों की तरह फूटते हैं. मंजिल तक पहुंचने तक ये रास्ते खूब थकाते तो हैं, लेकिन... Read more
आखिर बाबू को आश्रय देने वाले लोग कैसे रहे होंगे
पिताजी सन् 1949 में लखनऊ आ गए थे. उन्होंने ने ही बताया था कि घर से ( गराऊँ, बेरीनाग ) बड़बाज्यू अलमोड़ा तक पैदल छोड़ने आए थे. उन दिनों अलमोड़ा से आगे मोटर रोड नहीं थी. हमारे यहाँ के लिए पैदल रास... Read more
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