‘सौंदर्य की कविता’ और ‘कविता का सौंदर्य,’ दोनों ही महत्वपूर्ण हैं. परन्तु इन दोनों से भी अधिक महत्वपूर्ण है- सौंदर्य के द्वारा लिखी गई कविता. सौंदर्य के द्वारा लिखी ग... Read more
सड़क को सड़क नहीं, अपना घर समझो
Posted By: Girish Lohanion:
वे पुलिस के बड़े अधिकारी थे और हमारे बचपन के मित्र भी. कल जब वे बहुत दिन बाद शहर आये तो हम दोनों बाइक से शहर घूमने निकले. रास्ते में एक जगह पुलिस चैकिंग हो रही थी. वे ज़ोर से चिल्लाए – ‘अबे रो... Read more
Popular Posts
- शेरवुड कॉलेज नैनीताल
- दीप पर्व में रंगोली
- इस बार दो दिन मनाएं दीपावली
- गुम : रजनीश की कविता
- मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा
- विसर्जन : रजनीश की कविता
- सर्वोदयी सेविका शशि प्रभा रावत नहीं रहीं
- भू विधान व मूल निवास की लहर
- उत्तराखंड हिमवंत के देव वृक्ष पय्यां
- मुखबा गांव का आतिथ्य
- प्रकृति व महामाया का पर्व नवरात्रि
- प्रसूताओं के लिए देवदूत से कम नहीं ‘जसुमति देवी’
- असोज की घसियारी व घास की किस्में
- ब्रह्माण्ड एवं विज्ञान : गिरीश चंद्र जोशी
- परम्परागत घराट उद्योग
- ‘गया’ का दान ऐसे गया
- कोसी नदी ‘कौशिकी’ की कहानी
- यो बाटा का जानी हुल, सुरा सुरा देवी को मंदिर…
- कुमौड़ गांव में हिलजात्रा : फोटो निबन्ध
- शो मस्ट गो ऑन
- सेंट जोसेफ कॉलेज नैनीताल : देश का प्रतिष्ठित स्कूल
- चप्पलों के अच्छे दिन
- छिपलाकोट अंतरयात्रा : चल उड़ जा रे पंछी
- बिरुण पंचमि जाड़ि जामलि, बसंतपंचमि कान कामलि
- ‘कल फिर जब सुबह होगी’ आंचलिक साहित्य की नई, ताज़ी और रससिक्त विधा