ध्यान चंद की आत्मकथा की प्रस्तावना लिखते हुए मेजर जनरल ए.ए. रुद्रा ने उन्नीस साल के ध्यान चंद को इस तरह याद किया है – “मैं ध्यान चंद को 1924 से जानता हूँ और उस मैच में मौजूद था जब उसे... Read more
2024©Kafal Tree. All rights reserved. Developed by Kafal Tree Foundation