सोमेश्वर के लड़के की कहानी के बहाने जानिये क्यों जरूरी है पिथौरागढ़ के छात्र आन्दोलन का समर्थन
उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने मोर्चाबंदी शुरू कर दी है. वेअपनी हक की लड़ाई के लिए 17 जून से आंदोलन पर हैं. उनके हौसले बुलंद हैं और वे लंबी लड़ाई को... Read more
19 दिनों से किताबों और शिक्षकों के लिये धरना दे रहे हैं पिथौरागढ़ के छात्रों की कहानी
पिथौरागढ़ महाविद्यालय में पर्याप्त शिक्षकों और पुस्तकों की मांग को लेकर धरना पिछले 19 दिनों से जारी है. सेमेस्टर परीक्षाओं के बीच भी युवा छात्र भरपूर ऊर्जा से धरना स्थल पर बैठे हैं और धरना स... Read more
किताबों और शिक्षकों के लिये धरना कॉलेज के हित में नहीं है : पिथौरागढ़ जिला प्रशासन
जैसा की हमने अपनी पिछली ख़बरों में बताया था कि पिथौरागढ़ कॉलेज के छात्र लगातार सोलहवें दिन किताब और शिक्षकों की मांग को लेकर कॉलेज परिसर में धरना दे रहे हैं ऐसे में पिथौरागढ़ प्रशासन ने छात्र स... Read more
धैर्य की परीक्षा देते पिथौरागढ़ के युवा छात्र
एक लम्बे समय तक मेरे लिए पिथौरागढ़ छात्र संघ का मतलब शरदोत्सव में बिना पैसों के झुले में प्रबंध करने वाले कुछ लड़के रहा. इससे पहले मेरे लिए छात्र संघ के नेता का मतलब शरदोत्सव और रामलीला में कि... Read more
जैसा की हमने बताया था कि पिथौरागढ़ शहर के कालेज में पढ़ने वाले छात्र किताबों के लिए आन्दोलन कर रहे हैं. आज इन छात्रों को आन्दोलन करते हुये पन्द्रह दिन हो गये हैं लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से इ... Read more
पर्वतारोहियों की मृत्यु की सूचना सम्मानपूर्वक दे सकने तक का समय नहीं है पिथौरागढ़ जिला प्रशासन के पास
28 जून के दिन का यह पोस्ट पिथौरागढ़ जिला प्रशासन के फेसबुक पेज का है. यह पोस्ट हाल ही में नंदा देवी में आठ पर्वतारोहियों की मृत्यु से संबंधित है. नंदा देवी में हुई इस दुखद घटना के बाद जिला प्... Read more
13 दिनों से किताबों और शिक्षकों के लिये आन्दोलन कर रहे हैं पिथौरागढ़ के युवा
भारत और नेपाल की सीमा पर एक छोटा सा जिला है पिथौरागढ़. इस जिले की सीमा नेपाल और चीन दोनों से लगती है. इस जिले के मुख्यालय में सत्तर के दशक में बना एक डिग्री कालेज है जिससे पास होकर न जाने कित... Read more
Popular Posts
- कुमाउँनी बोलने, लिखने, सीखने और समझने वालों के लिए उपयोगी किताब
- कार्तिक स्वामी मंदिर: धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का आध्यात्मिक संगम
- ‘पत्थर और पानी’ एक यात्री की बचपन की ओर यात्रा
- पहाड़ में बसंत और एक सर्वहारा पेड़ की कथा व्यथा
- पर्यावरण का नाश करके दिया पृथ्वी बचाने का संदेश
- ‘भिटौली’ छापरी से ऑनलाइन तक
- उत्तराखण्ड के मतदाताओं की इतनी निराशा के मायने
- नैनीताल के अजब-गजब चुनावी किरदार
- आधुनिक युग की सबसे बड़ी बीमारी
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : दिशाएं देखो रंग भरी, चमक भरी उमंग भरी
- स्याल्दे कौतिक की रंगत : फोटो निबंध
- कहानी: सूरज के डूबने से पहले
- कहानी: माँ पेड़ से ज़्यादा मज़बूत होती है
- कहानी: कलकत्ते में एक रात
- “जलवायु संकट सांस्कृतिक संकट है” अमिताव घोष
- होली में पहाड़ी आमाओं का जोश देखने लायक होता है
- पहाड़ की होली और होल्यारों की रंग भरी यादें
- नैनीताल ने मुझे मेरी डायरी के सबसे यादगार किस्से दिए
- कहानी : साहब बहुत साहसी थे
- “चांचरी” की रचनाओं के साथ कहानीकार जीवन पंत
- आज फूलदेई है
- कहानी : मोक्ष
- वीमेन ऑफ़ मुनस्यारी : महिलाओं को समर्पित फ़िल्म
- मशकबीन: विदेशी मूल का नया लोकवाद्य
- एक थी सुरेखा