बूटी या ज्ञान या विजया या फिर अत्तर
उनका असली नाम क्या था, यह कोई नहीं जानता था, और नाम में क्या रखा है, को सब मानते थे. जब बिना नाम जाने काम चल जाए तो नाम की क्या जरूरत. बहरहाल उनकी काया की रूप सज्जा के आधार पर सब उन्हें पंडि... Read more
2020 के पहले खूबसूरत हिमपात के बाद अल्मोड़ा के सिमतोला, कसार देवी और बिनसर का प्राकृतिक सौंदर्य देखते ही बनता है. चाहे वो सिमतोला के बर्फ से ढके देवदार हो या कसार देवी का मंदिर या फिर बिनसर... Read more
अल्मोड़ा-बिनसर-कसारदेवी में एक अद्भुत दिन
अंग्रेज़ी में एक कहावत है – “You made my day!” ये कहावत अक्सर तब बोली जाती है जब किसी इंसान की वजह से आपका दिन बन जाए, पर तब क्या बोला जाए जब एक दिन के वजह से ही आपका दिन ब... Read more
अल्मोड़ा से छः किलोमीटर दूर कसारदेवी पिछले पांच दशकों से अधिक समय से दुनिया भर के यात्रियों-संगीतकारों-दार्शनिकों-अध्येताओं और साहित्यकारों को आकर्षित करता रहा है. 1960 के हिप्पी आंदोलन के द... Read more
क्या है वान एलेन रेडियेशन बेल्ट एक अमेरिकी वैज्ञानिक हुए जेम्स अल्फ्रेड वान एलेन. 7 सितम्बर 1914 को जन्मे वान एलेन यूनिवर्सिटी ऑफ़ आयोवा के अन्तरिक्ष विज्ञान विभाग में काम करते थे. 1958 में उ... Read more
ओह कसारदेवी : एक फोटो निबंध
सभी फोटो जयमित्र सिंह बिष्ट के हैं. काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें Read more
बिनसर में इटली का संत
लम्बे धवल केश और वैसी ही लम्बी धवल दाढ़ी वाले उस खूबसूरत अंगरेज़ को देखकर किसी को भी धोखा हो सकता था कि वह धर्म-प्रचारक या बाबा टाइप की कोई चीज़ होगा. बिनसर-कसारदेवी-अल्मोड़ा के इलाके में चार-पा... Read more
अल्मोड़ा से 6 किलोमीटर दूर एक छोटी सी जगह है कसारदेवी. पिछले पचास से भी अधिक सालों से कसारदेवी दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर अपनी एक अलग पहचान बना चुका है. कसारदेवी यात्रा का मन बना रहे हों और... Read more
Popular Posts
- पहाड़ों में पिछले एक महीने से खेतों में उत्सव का माहौल है
- जी रया जागि रया यो दिन यो मास भेटने रया
- कल हरेला है
- चौमास में पहाड़
- एक सुनहरे युग के आख़िरी बाशिंदे थे जिमी
- छिपलाकोट अंतरयात्रा: चलो एक बार फिर से अजनबी बन जाएँ
- मखमली दुनिया के सफ़र में : फोटो निबंध
- कुन्चा : रं (शौका) समुदाय की एक कथा
- पहाड़ के खेतों से पेरिस ओलम्पिक का सफ़र तय करने वाली अंकिता
- आतंकी हमले में शहीद पांचों जवान उत्तराखंड के
- घर से नहीं निकलने वाला वोटर
- हरेला कब बोया जाता है
- कांग्रेस-बसपा के सामने अपनी सीटें बचाने की चुनौती : उत्तराखंड उपचुनाव
- सड़क की भूख गाँवों को जोड़ने वाले छोटे रास्ते निगल गई
- बगोरी की राधा
- पंवाली कांठा का सुकून : फोटो निबंध
- उत्तराखंड की पांच उच्च जोखिम वाली ग्लेशियल झीलें
- मैं रिसाल हूं, बिनसर का अभिन्न अंग, इसे जलाने का दोषी नहीं
- छिपलाकोट अन्तर्यात्रा : जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया
- देहरादून की जनता ने अपने पेड़ों को बचाने की एक और लड़ाई जीती
- जब पहाड़ के बच्चों का मुकाबला अंग्रेजी मीडियम से न होकर हिन्दी मीडियम से था
- मुनस्यारी के धर्मेन्द्र की डॉक्यूमेंट्री इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में दिखेगी
- तैमूर लंग की आपबीती
- हमारे बच्चों के लिए गांव के वीडियो ‘वाऊ फैक्टर’ हैं लेकिन उनके सपनों में जुकरबर्ग और एलन मस्क की दुनिया है
- मेले से पिछली रात ऐसा दिखा कैंची धाम