“मैं तो अनाथ हो गया!” – रोते हुआ लक्ष्मण सिंह बिष्ट ने कहा. लक्ष्मण सिंह पिछले 30-35 सालों तक डॉ. शमशेर सिंह बिष्ट जी की विभिन्न यात्राओं में उनके सबसे भरोसेमन्द सहयोगी व स... Read more
अथ टार्च, लालटेन, लम्फू और ग्यस कथा
तब टार्च, लालटेन व लैम्फू के बिना अधूरा था जीवन -जगमोहन रौतेला आजकल तो भाबर में अब शहर तो छोड़िए गांव-गांव बिजली की चमक पहुँच गयी है. चार दशक पहले ऐसा नहीं था. भाबर के अधिकतर गांव रात को अधे... Read more
‘अपनी धुन में कबूतरी’ वृत्तचित्र का प्रदर्शन
(जगमोहन रौतेला की रपट) कुमाउनी लोकजीवन के ऋतुरैंण, न्योली, छपेली, धुस्का व चैती आदि विभिन्न विधाओं की लोकप्रिय लोकगायिका रही कबूतरी देवी के जीवन पर आधारित वृत्तचित्र ‘अपनी धुन में कबूतरी’ का... Read more
कल है उत्तराखंडी लोकपर्व घ्यूं त्यार
उत्तराखण्ड के दोनों अंचलों कुमाऊं और गढ़वाल में भादो महीने की संक्रान्ति को घ्यूं त्यार मनाया जाता है. कुमाऊं के कुछ इलाकों और गढ़वाल में इसे घी संक्रान्त कहते हैं. इस दिन विभिन्न प्रकार के... Read more
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