हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 42
हल्द्वानी में जिस तेजी से हर समाज ने पनाह ली है उसी तेजी से उनके आहार व्यवहार रीति-रिवाज का प्रभाव भी यहां फैलता गया. बात करें सिंधी समाज की तो पता चलता है की खानपान की नई परंपरा से इस समाज... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 41
अक्सर यहां के लोग यह भी कहा करते हैं कि हमारे जमीनों को गोविंद बल्लभ पंत जैसे राजनेताओं ने पाकिस्तान से आने वाले शरणार्थियों के हवाले कर दिया. पहले तो यह बात पूरी तरह सच नहीं है, जो सच है उस... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 40
आज स्थिति बिल्कुल अलग हो गई है पूरा हल्द्वानी और उसके आसपास के मीलों तक फैले गांव फतेहपुर, लामाचौड़, लालकुआं और रामपुर रोड के गांव सब कंक्रीट के जंगल में परिवर्तित हो गए हैं. एक गली, दूसरी, त... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 39
बरेली के मिशनरी प्रचारक विलियम बटलर ने पहाड़ में मिशनरी का खूब प्रचार किया था. फतेहपुर के पास ईसाई नगर में पुराने चर्च में विलियम बटलर का नाम आज भी अंकित है ईसाई नगर हेनरी रैमजे के समय में ब... Read more
मूलतः कुमाऊँ के बेरीनाग इलाके के निवासी और हमारे साथी फिल्मकार-पत्रकार विनोद कापड़ी लगातार काफल ट्री पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते आ रहे हैं. उन्होंने अपने बचपन की यादों को साझा करने के अलावा अ... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 38
यहां भाबर के लिए एक शब्द अक्सर प्रयोग में लाया जाता है ‘भबरी जाना,’ यानि खो जाना. यह बात पहले भी कही जा चुकी है कि इस खो जाने की प्रक्रिया को भबरिया कहा जाने लगा. ऐसा शब्द किसी भी शब्दकोश मे... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 37
पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ में लंबे समय तक संस्कृत के प्राध्यापक और विभागाध्यक्ष रहे डीडी शर्मा अवकाश प्राप्त करने के बाद हल्द्वानी नवाबी रोड में निवास कर रहे थे. वे उत्तरी भारत में अपनी श्... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 36
1962 में डॉक्टर हेमचंद्र जोशी जाड़ों में नैनीताल से हल्द्वानी रहने आया करते थे और कालाढूंगी रोड स्थित पीतांबर पंत के मकान में टिका करते थे. वे बहुत वृद्ध हो गए थे और उनकी आंखें बहुत कमजोर हो... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 35
कला को अपने मनोरंजन या आजीविका के साथ जोड़कर चलने वाले कलाकार तो कई मिल जाएंगे लेकिन हर स्थिति में कलाकार बनकर रहने वाले कुछ विरले ही होते हैं. ऐसे ही एक कलाकार हैं चंद्रशेखर कपिल. इस कलाकार... Read more
हल्द्वानी के इतिहास के विस्मृत पन्ने : 34
सरदार जगत सिंह के बड़े भाई दिलबर सिंह उनसे 10 साल बड़े थे. पिताजी के व्यवसाय में हाथ बताने के अलावा वह शेरो-शायरी व गीत-गजल के शौकीन भी थे. इनकी खूबियों से हल्द्वानी ही नहीं दूर-दूर के लोग प... Read more
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