हीरा-लीक्स
गुडी गुडी डेज़ अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 20 अमित श्रीवास्तव हीरामन के पास एक बक्सा था. बक्से में एक पिटारा था. पिटारे में अखबारी कतरनों का एक बंडल. बंडल पर हाथ फेरते हुए हीरा ने बता... Read more
गुडी गुडी के राष्ट्रीय प्रतीक
गुडी गुडी डेज़ अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 20 अमित श्रीवास्तव (हीरामन-स्मृति) गुडी गुडी के बारे में आपकी उत्सुकता को देखते हुए लेखक ने हीरामन से गुडी गुडी मुहल्ले के बारे में मालूमात... Read more
सस्सू की चिट्ठी
गुडी गुडी डेज़ अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 19 अमित श्रीवास्तव दुखवा कासे कहूं… बात ही बात में बस बात हुई जाती है सुबू तो होती ई नहीं रात हुई जाती है कैसे कहूं? जब से तुम्हें देखा है ज... Read more
छापाए दिल इतना न उछालो
अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 18 अमित श्रीवास्तव छापे के दौरान एक सरकारी कर्मचारी के मेज की दराज़ से बरामद हुई एक डायरी में ये प्रलाप मिला जिसके बाएं हाशिये पर कृपया ‘अ’ के... Read more
आन्दोलन, सिफ़ारिश और ब्रीफकेस
अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 17 अमित श्रीवास्तव माननीय एस पी महोदय नमस्कार पत्रवाहक मेरे गाँव का है और समझिये ख़ास का है. इसकी एक वाइफ़ पेट के रोग से पीड़ित है. प्रार्थी उसका इलाज कराना... Read more
कविता: कवि-तान: कविता- न!: क-वितान
अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 16 अमित श्रीवास्तव (पिछली क़िस्त: तीसरी कसम उर्फ मारे गये चिलबिल) `कविता लिखने के लिए कवि होना ज़रूरी नहीं.’ ये ब्रह्म वाक्य मुझे एक `कविता: कल, आज, कल और प... Read more
तीसरी कसम उर्फ मारे गये चिलबिल
अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 15 अमित श्रीवास्तव (पिछली क़िस्त: पप्पन पांडे का निबन्ध) गुडी गुडी में दो पाट थे और जैसा कि अमूमन होता है उन दोनों के बीच एक धार बहती थी. भले लोग उसे `मानू... Read more
पप्पन पांडे का निबन्ध
अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 14 अमित श्रीवास्तव उत्तर पत्र लीक हो गया. फिर वाइरल. घोर कलियुग में ऐसा हो जाता है. प्रश्न से ज़्यादा उत्तर की औकात हो जाती है. चूंकि चर्चा चलन में है इसलि... Read more
पप्पन और सस्सू के न्यू ईयर रिज़ोल्यूशन
अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 13 अमित श्रीवास्तव समय- दिन ढलने वाला था बाकी आपको घड़ी की घटिया आदत लग चुकी है तो उसी के हिसाब से कोई भी समय लगा लो दिनांक- इकत्तीस दिसम्बर (साल बता दें त... Read more
अंतर देस इ उर्फ़… शेष कुशल है! भाग – 11
गुडी गुडी डेज़ (हीरामन– हीराबाई संवाद; नाम में क्या रक्खा है) अमित श्रीवास्तव हीराबाई- हीराबाई हीरामन- हीरामन हीराबाई- आह! हीरा! हम तुमको मीता कहेंगे फिर… हमारा नाम एक ही है न इसलिए हीर... Read more
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