आदिम संस्कृति और समाज के लिए संघर्ष करता जौनसार बावर का त्यौहार – बूढ़ी दिवाली
पूरे देश मे दिवाली कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाई जाती है लेकिन उत्तराख़ण्ड के जिला देहरादून के जनजातीय श्रेत्र जौनसार बावर और हिमाचल के सिरमौर जिले लाधेई क्षेत्र के कुछ गावों में यह ठीक... Read more
बाड़ाहाट से मंगसीर बग्वाल की कुछ तस्वीरें
उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल के सीमांत जनपद उत्तरकाशी के टिहरी, नौगांव, पुरोला. मोरी, जनपद के थत्युड, देहरादून के कालसी, चकराता, हिमाचल के शिमला, कुल्लू, सिरमौर में मैदानी इलाकों में मनायी जाने... Read more
स्थानीयता के बिना संस्कृति को बचाने की कवायद
बाकी देश में दीवाली भले ही कार्तिक माह के दौरान पड़ने वाली अमावस्या को मनाई जाती हो लेकिन उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के जन-जातीय क्षेत्र जौनसार बावर के बहुत से गाँवों के साथ-साथ महासू क्षे... Read more
मैदानी क्षेत्र में मनायी जाने वाली दीपावली के ठीक एक माह बाद उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल में जौनपुर और जौनसार क्षेत्र में परंपरागत त्यौहार मनाया जाता है जिसे मंगसीर बग्वाल कहा जाता है. पिछले सा... Read more
मेरे सपनों का उत्तराखण्ड
गाँव से लौटे महीना नहीं होता कि मैं फ़िर से गाँव की ओर हो लेता हूँ. पहाड़ पर ख़राब मौसम को लेकर मौसम विभाग की तमाम चेतावनियों के बावजूद भी मेरी हर महीने कम से कम एक या दो बार गाँव जाने की काम... Read more
जौनसार-बावरः अतीत से भविष्य तक –सुभाष तराण सुदूर उत्तर भारत के पहाडी प्रदेश उत्तराखंड में यमुना अपने उद्गम से लगभग सौ मील चल कर जब देहरादून जिले के पुरातन स्थल कालसी पहुँचती है तो वहाँ उसका... Read more
भोले का शीतकालीन प्रवास मक्कूमठ
मक्कूमठ गढ़वाल मंडल के रुद्रप्रयाग जनपद की पट्टी परकण्डी व तहसील ऊखीमठ हुते हुए या भीरी परकण्डी होते हुए पहुंचा जा सकता है. ऊखीमठ के रास्ते यह दूरी 32 किमी तथा भीरी के रास्ते 16 किमी है. यहाँ... Read more
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