सिखों के दसवें गुरु गोविन्द सिंह ने विचित्र नाटक के छठे भाग में लोकपाल-दंड पुष्करणी के बारे में लिखा –हेमकुंड पर्वत है जहां, सप्तश्रृंग सोहत है वहांतहां हम अधिक तपस्या साधी... Read more
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