अगर आप खुशी की तितली के पीछे भागोगे, तो कभी उसे पकड़ न पाओगे. आपको अगर बचपन में खुले मैदानों और बागों में खेलने को मिला, जहां बेफिक्र तितलियां उड़ती रही हों, तो आपने इस तथ्य को बखूब जाना होग... Read more
कैसे करें कम समय में ज्यादा क्रिएटिव काम
यह एक अटल सत्य है कि इस दुनिया में हम हमेशा के लिए नहीं रहने वाले. लेकिन हम इस सत्य को भुलाए रहते हैं. ऐसा नहीं कि हर पल मृत्यु को याद करते हुए डर कर जिया जाए, पर हम मृत्यु को समझकर और उससे... Read more
बाबा रामदेव हमेशा चर्चा में रहने के आदी हो गए हैं या कहना चाहिए कि उन्हें चर्चा में रहने की लत लग चुकी है. जब किसी को किसी चीज की लत लग जाती है, तो वह साम, दाम, दंड, भेद, कैसे भी उसे पाकर ही... Read more
मृत्यु के अंधकार में कैसे दिखे जीवन की रोशनी
कोरोना की दूसरी लहर इतनी खतरनाक होगी, किसी ने कल्पना नहीं की थी. पहली लहर में भी लोग कोरोना का शिकार बनकर हमारा साथ छोड़ गए थे, लेकिन तब जाने वाले लोगों में हमारे अपने खास-परिचित गिने-चुने ह... Read more
कोविड का शिकार होने वाले ज्यादातर लोग ठीक होने के बाद भी कई तरह की तकलीफों की बात कर रहे हैं. उन्हें कमजोरी बहुत ज्यादा हो रही है. कोविड में लंग्स प्रभावित होते हैं. सांस के जरिए आने वाली ऑक... Read more
उस पार छिपा है क्या, मैं भी तो जानूं जरा
टाइम्स समूह की चेयरमैन इंदु जैन ने बीते गुरुवार निर्वाण पा लिया. जिस तरह उन्होंने जीवन को भरपूर जिया, भरपूर समझा, उसके बाद मृत्यु नहीं, सिर्फ निर्वाण ही संभव हो सकता है. सत्य को जान लेने के... Read more
कोरोना वायरस हमारे फेफड़ों पर हमला करता है, इसलिए यह तो तय है कि उससे लड़ने के लिए हमें अपने फेफड़ों को ही सबसे ज्यादा ताकतवर बनाना होगा. फेफड़ों को ताकतवर बनाने के लिए हमें अपनी सांस पर काम... Read more
कोविड ने दिया मुझे जिंदगी का एक नया नजरिया
जीवन हमेशा इस क्षण में घटित होता है, इसलिए सबसे बड़ी बात यही मायने रखती है कि हम किसी क्षण में क्या कर रहे होते हैं. मैं एक अप्रैल को जब दिल्ली आया था, तो दिमाग में कई तरह के अधूरे काम कुलबु... Read more
कोविड की काली छाया को हमेशा के लिए यूं करो गुडबाय
जब लग रहा था कि कोविड-19 अब खत्म होने वाला है, देशभर में रोज के नए मामले 7 हजार से भी नीचे आ चुके थे और वह दिन करीब दिख रहा था, जब नए मामले मिलने बंद ही हो जाते, ठीक तब अचानक उसने यू टर्न लि... Read more
क्या ख्वाब देखे थे, क्या मंजर नुमाया है
महाराष्ट्र में पिछले एक महीने में सामने आए घटनाक्रम पर अगर गौर फरमाएंगे, तो होश उड़ जाएंगे. जनता बेचारी सिर्फ तमाशबीन बनकर हैरान हो रही है. वह करे भी तो क्या. उसके हाथ में कुछ नहीं. एक वोट थ... Read more
Popular Posts
- नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार
- भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू
- ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए
- सर्दियों की दस्तक
- शेरवुड कॉलेज नैनीताल
- दीप पर्व में रंगोली
- इस बार दो दिन मनाएं दीपावली
- गुम : रजनीश की कविता
- मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा
- विसर्जन : रजनीश की कविता
- सर्वोदयी सेविका शशि प्रभा रावत नहीं रहीं
- भू विधान व मूल निवास की लहर
- उत्तराखंड हिमवंत के देव वृक्ष पय्यां
- मुखबा गांव का आतिथ्य
- प्रकृति व महामाया का पर्व नवरात्रि
- प्रसूताओं के लिए देवदूत से कम नहीं ‘जसुमति देवी’
- असोज की घसियारी व घास की किस्में
- ब्रह्माण्ड एवं विज्ञान : गिरीश चंद्र जोशी
- परम्परागत घराट उद्योग
- ‘गया’ का दान ऐसे गया
- कोसी नदी ‘कौशिकी’ की कहानी
- यो बाटा का जानी हुल, सुरा सुरा देवी को मंदिर…
- कुमौड़ गांव में हिलजात्रा : फोटो निबन्ध
- शो मस्ट गो ऑन
- सेंट जोसेफ कॉलेज नैनीताल : देश का प्रतिष्ठित स्कूल