चीड़ के वनों से जुड़ी कुछ भ्रांतियाँ और तथ्य
हिमालयी क्षेत्रों में वर्षों से वनाग्नि की घटनाएं होती रही हैं और इन वनाग्नियों के पीछे कुछ प्राकृतिक और अनेक मानव जनित कारण रहे हैं. हाल के कुछ वर्षों में इन घटनाओं के पीछे जो सबसे बड़ा कार... Read more
पंचेश्वर घाटी की ख़ुशनुमा तस्वीरों को देखेने के बाद आपका दिल इसे डुबो देने की गवाही नहीं देगा
गहरे हरे रंग के जंगलों के बीच एक नीले पानी वाली साफ नदी जाती है. लम्बी चलने वाली नदी और उसके साथ का जंगल मिलकर इंसान को उनके किनारे बसने की जगह देते हैं. नदी, जंगल और इंसान मिलकर दुनिया की स... Read more
ट्रेलर देखने के बाद से ही फिल्म का इंतजार शुरु था. इस फिल्म के बारे में पढ़ने से पहले यह जान लें कि लेख में पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण से संबंधित कुछ तकनीकी शब्दों का प्रयोग किया गया है. इ... Read more
हिमालयी विकास मॉडल और उनसे जुड़ी आपदाएं
उत्तराखंड के चमोली जिले में घटी घटना ने एक बार फिर से उत्तराखंड और इससे जुड़े विकास के मॉडल के बारे में सोचने को बाधित कर दिया है. ऋषि गंगा और धौली गंगा में आई, असामान्य सी दिखने वाली बाढ़ क... Read more
पिथौरागढ़-घाट सड़क मार्ग से समझिये ऑल वेदर रोड परियोजना पर्यावरण को कितना प्रभावित करती है
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड में चल रही ऑल वेदर रोड परियोजना के संबंध में एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया. जिसके बाद से रोड का चौड़ीकरण 5.5 मीटर से अधिक नहीं किया जा सकता. इस आदेश का पर्य... Read more
आमतौर पर मैं ही क्या, शायद आप में से भी कई लोग ये मानते ही होंगे कि चाहे सरकार कोई भी पार्टी चला रही हो हमारा भारतीय सरकारी सिस्टम काफी सुस्त और काम करने के मामले में काफी जर्जर हो चूका है.... Read more
कोरना संक्रमण के शुरुआती समय में यह माना गया कि यह वायरस सांपों से इंसान तक पहुंचा है. साथ ही साथ चमगादड़ और फिर पैंगोलिन को भी इस कड़ी का हिस्सा माना गया. बहरहाल, यहां पर इस लेख का उद्देश्य... Read more
स्थानीय फूलों से रंग बनाकर पिथौरागढ़ के युवा आजीविका और प्रकृति संरक्षण को बढ़ावा दे रहे हैं
हर वर्ष की तरह इस बार भी होली के आगमन पर बाजार में तरह-तरह के रासायनिक रंग और प्लास्टिक की बनी पिचकारिया, खिलौने, मास्क इत्यादि आ चुके हैं. आधुनिकता की इस चमक-धमक के बीच हरेला सोसायटी, पिथौर... Read more
करोड़ों वर्षों पूर्व से जब मानव ने जब आग जलाना और उस पर काबू करना नही सीखा था, तब से ही वनों में आग प्राकृतिक रूप से लगती रही है. प्राकृतिक कारणों में शुष्क परिस्थितियों में घर्षण के कारण चि... Read more
पिथौरागढ़ की एक अलसाई सुबह का रेखाचित्र
हर शहर की अपनी एक सुबह होती है उसकी कुछ ख़ास आदतें होती हैं जो उसे ओरों से जुदा बनाती है. छोटी और सामान्य सी लगने वाली इन आदतों से उस शहर के हर बासिंदे को बेइन्तहा मोहब्बत होती है. मनु डफाली... Read more
Popular Posts
- उत्तराखंड में सेवा क्षेत्र का विकास व रणनीतियाँ
- जब रुद्रचंद ने अकेले द्वन्द युद्ध जीतकर मुगलों को तराई से भगाया
- कैसे बसी पाटलिपुत्र नगरी
- पुष्पदंत बने वररुचि और सीखे वेद
- चतुर कमला और उसके आलसी पति की कहानी
- माँ! मैं बस लिख देना चाहती हूं- तुम्हारे नाम
- धर्मेन्द्र, मुमताज और उत्तराखंड की ये झील
- घुटनों का दर्द और हिमालय की पुकार
- लिखो कि हिम्मत सिंह के साथ कदम-कदम पर अन्याय हो रहा है !
- पुष्पदन्त और माल्यवान को मिला श्राप
- डुंगरी गरासिया-कवा और कवी: महाप्रलय की कथा
- नेहरू और पहाड़: ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ में हिमालय का दर्शन
- साधारण जीवन जीने वाले लोग ही असाधारण उदाहरण बनते हैं : झंझावात
- महान सिदुवा-बिदुवा और खैंट पर्वत की परियाँ
- उत्तराखंड में वित्तीय अनुशासन की नई दिशा
- राज्य की संस्कृति के ध्वजवाहक के रूप में महिलाओं का योगदान
- उत्तराखण्ड 25 वर्ष: उपलब्धियाँ और भविष्य की रूपरेखा
- आजादी से पहले ही उठ चुकी थी अलग पर्वतीय राज्य की मांग
- मां, हम हँस क्यों नहीं सकते?
- कुमाउनी भाषा आर्य व अनार्य भाषाओं का मिश्रण मानी गई
- नीब करौरी धाम को क्यों कहते हैं ‘कैंची धाम’?
- “घात” या दैवीय हस्तक्षेप : उत्तराखंड की रहस्यमयी परंपराएँ
- अद्भुत है राजा ब्रह्मदेव और उनकी सात बेटियों के शौर्य की गाथा
- कैंची धाम का प्रसाद: क्यों खास हैं बाबा नीम करौली महाराज के मालपुए?
- जादुई बकरी की कहानी
