बनन में बागन में बगरो बसंत है! वसंत आ गया है. महाकवि पद्माकर लिख गए हैं- बनने में,बागन में, बगरो बसंत है! हां, आसपास पेड़-पौधों और फुलवारियों में सब जगह लाल, पीले, नीले, गुलाबी और बैंगनी फूल... Read more
प्यारे शहर नैनीताल की याद
और, बाबा हो, गर्मियों के सीजन में शहरों से आने वाली वह भारी भीड़! हम लोग उन दिनों माल रोड छोड़ कर ऊपर स्नो व्यू, चीनापीक, गोल्फ फील्ड या टिफिन टॉप की ओर निकल जाते. स्नो व्यू में सीमेंट की वह... Read more
अपनी बात मैं अपने उन पुरखों से शुरू करना चाहता हूं, जो आदि मानव कहलाते थे, जंगलों और गुफाओं में रहते थे. खेती और पशुपालन की शुरूआत उन्होंने ने ही की थी. उन्हीं में से शायद कभी, हमारे किसी पु... Read more
दूर पहाड़ों में बसे मेरे गांव में भी आ गया होगा वसंत. शायद इसीलिए कई दिनों से मेरा मन बेचैन है. महान प्रकृति विज्ञानी चार्ल्स डार्विन याद आ रहे हैं. अगर चिड़ियां उनकी बात समझ सकतीं तो तब वे... Read more
आकाश के रंगमंच पर सूर्यास्त के बाद बृहस्पति और शनि ग्रह का महामिलन हो रहा है आज
आकाश के रंगमंच पर आज 21 दिसंबर 2020 को सूर्यास्त के बाद सौरमंडल के विशालतम ग्रह बृहस्पति और शनि ग्रह का महामिलन हो रहा है जिसे वैज्ञानिक महायुति कहते हैं. अंग्रेजी में इसे ‘ग्रेट कंजंक्शन’ क... Read more
पहाड़ की प्यारी घुघुती के बारे में सब कुछ जानिये
कोरोना काल के इसी सन्नाटे में उस दिन दो फाख्ते भी मिलने चले आए. जब भी फाख्तो को देखता हूं, और उनकी आवाज सुनता हूं तो गुजरे हुए जमाने की न जाने कितनी बातें याद आ जाती हैं. उत्तराखंड के अपने ग... Read more
वह मजदूर लड़की, विश्व परिक्रमा और बोगेनवेलिया – मजदूर दिवस पर देवेन मेवाड़ी की कलम से विशेष
उसका जन्म एक झोपड़ी में हुआ. माता-पिता दिहाड़ी मजदूर थे. रोज सुबह उठते और तैयार होकर काम की तलाश में निकल आते. कभी काम मिलता, तो शाम की दाल-रोटी का जुगाड़ हो जाता. काम नहीं मिलता तो भूखे पेट... Read more
आज बटरोही का 75वां जन्मदिन है – पुराने दोस्त देवेन मेवाड़ी याद कर रहे हैं उनके साथ बीते समय को
वह लड़का, मेरा दोस्त, आज उम्र के 75 वें पायदान पर कदम रख रहा है. Deven Mewari Remembers Student Days of Batrohi वह 1962 का वर्ष था जब मैं ओखलकांडा से ददा के साथ आगे पढ़ने के लिए नैनीताल पहुं... Read more
हमें अपनी इस धरती को बचाना ही होगा
स्याह रातों में कभी तारों भरा आसमान देखा है आपने? अगर हां तो आसमान में आरपार फैली कहकशां और उसके चमकते बेशुमार तारों को भी जरूर देखा होगा. उन्हीं तारों में से एक तारा हमारा है. हमारा आफ़्ताब... Read more
फूलों का मौसम आ गया
पहाड़ में इन दिनों वनों में लाल-लाल बुरांश के फूल खिल गए हैं. हरे-भरे वनों में जहां नजर डालो, लगता है बुरांश के पेड़ों ने लाल ओढ़नी ओढ़ ली है. बचपन में सुना वह गीत कानों में गूंजने लगा हैः (... Read more
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