दूर उत्तराखंड के पहाड़ों से रैबार देने वाले पत्रकार साथी संजय चौहान और शैलेंद्र गोदियाल का कहना है कि उत्तरकाशी और टिहरी जिले के जंगलों में इन दिनों नील कुरेंजी के फूलों की बहार आ गई है. खास... Read more
गंगोत्री धाम का इतिहास
उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल के उत्तरकाशी जिले में भागीरथी नदी के तट पर है चार धामों में से एक गंगोत्री. जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से इसकी दूरी 97 किमी है. यहाँ पहुंचकर गंगा उत्तर की ओर बहने लगती... Read more
गंगा मंदिर मुखीमठ: गंगा मैया का शीतकालीन प्रवास
उत्तरकाशी गंगोत्री रोड पर 73 किमी की दूरी पर बसे खूबसूरत गाँव हरसिल को भला कौन नहीं जानता. हरसिल से ही भागीरथी नदी को पार कर लगभग 3.50 किमी की दूरी तय करने के बाद आता है मुखबा. हरसिल से 3 कि... Read more
उत्तराखण्ड के गढ़वाल मंडल के उत्तरकाशी जिले में है हरसिल. हरसिल उत्तरकाशी गंगोत्री मार्ग पर 72 किमी की दूरी पर है. मनोरम पर्यटन स्थल के तौर पर जाना जाने वाला हरसिल भारत के प्रमुख सैन्य अड्डो... Read more
कल्पकेदार: सत्रहवीं शताब्दी का पौराणिक शिव मंदिर
साल 1945 में धराली के ग्रामीणों को गंगा नदी के किनारे मंदिर का शीर्ष भाग नजर आया. कौतुहल के साथ ग्रामीणों ने खुदाई शुरू की. लगभग 14 फीट की खुदाई के बाद कल्प केदार मंदिर समूह का एक समूचा शिव... Read more
उत्तरकाशी ऋषिकेश, केदारनाथ मार्ग पर 29 किमी की दूरी पर एक गाँव है चौरंगीखाल. चौरंगीखाल मामूली बसावट वाला गाँव है, लेकिन यह गंगोत्री से लौटकर केदारनाथ या ऋषिकेश आने-जाने वाले यात्रियों का मुख... Read more
उत्तरकाशी गंगोत्री रोड पर गंगोत्री से 21 किमी पहले एक छोटा सा पहाड़ी गाँव है धराली. धराली उत्तरकाशी-गंगोत्री हाइवे के दोनों तरफ बसा हुआ है. धराली अपने अप्रतिम प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए विश्वव... Read more
ऋग्वेद के शम्बर प्रसंग के अनुसार बाणासुर हिमालय में रहने वाले एक असुर थे. वायुपुराण में शतश्रृंग पर्व पर असुरों के 100 पुरों (किलों) का उल्लेख मिलता है. रामायण, महाभारत और अन्य पुराणों के कई... Read more
उत्तरकाशी का परशुराम मंदिर
भगवान शंकर से मिला दिव्य अस्त्र हिन्दू धर्मग्रंथों में परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना गया है. अक्षय तृतीय को इनकी जयंती भी मनायी जाती है. मान्यता है कि कार्तवीर्य के पुत्र द्वारा... Read more
भारत के तीन काशियों में एक है उत्तरकाशी. यहाँ भगवान महादेव का भव्य मंदिर है. Kashi Vishvnath Temple uttarkashi. बनारस और गुप्तकाशी के साथ ही यहाँ भी महादेव काशी विश्वनाथ के रूप में पूजे जाते... Read more
Popular Posts
- नेत्रदान करने वाली चम्पावत की पहली महिला हरिप्रिया गहतोड़ी और उनका प्रेरणादायी परिवार
- भैलो रे भैलो काखड़ी को रैलू उज्यालू आलो अंधेरो भगलू
- ये मुर्दानी तस्वीर बदलनी चाहिए
- सर्दियों की दस्तक
- शेरवुड कॉलेज नैनीताल
- दीप पर्व में रंगोली
- इस बार दो दिन मनाएं दीपावली
- गुम : रजनीश की कविता
- मैं जहां-जहां चलूंगा तेरा साया साथ होगा
- विसर्जन : रजनीश की कविता
- सर्वोदयी सेविका शशि प्रभा रावत नहीं रहीं
- भू विधान व मूल निवास की लहर
- उत्तराखंड हिमवंत के देव वृक्ष पय्यां
- मुखबा गांव का आतिथ्य
- प्रकृति व महामाया का पर्व नवरात्रि
- प्रसूताओं के लिए देवदूत से कम नहीं ‘जसुमति देवी’
- असोज की घसियारी व घास की किस्में
- ब्रह्माण्ड एवं विज्ञान : गिरीश चंद्र जोशी
- परम्परागत घराट उद्योग
- ‘गया’ का दान ऐसे गया
- कोसी नदी ‘कौशिकी’ की कहानी
- यो बाटा का जानी हुल, सुरा सुरा देवी को मंदिर…
- कुमौड़ गांव में हिलजात्रा : फोटो निबन्ध
- शो मस्ट गो ऑन
- सेंट जोसेफ कॉलेज नैनीताल : देश का प्रतिष्ठित स्कूल