महाभारत पढ़ने का सही तरीका
पुराने लोग कहते थे, घर में महाभारत नहीं रखनी चाहिए. जिस घर में रहेगी, उसी घर में महाभारत शुरू हो जाएगी. वे बच्चों को महाभारत पढ़ने से रोकते थे, टोकते थे.(Mahabharata Lalit Mohan Rayal) जानका... Read more
मूल रूप से रोमांटिक लीड वाले अभिनेता थे ऋषि कपूर
हिंदी सिनेमा के पहले शोमैन राज कपूर सिनेमा में नए प्रयोगों के लिए जाने जाते थे. कहते हैं कि आर्ची कार्टून के एक संवाद से उन्होंने फिल्मों के लिए एक नया विषय चुना. कार्टून मैगजीन के उस संवाद... Read more
सिने-अभिनेता इरफान नहीं रहे. विगत दो बरसों से वे लाइलाज बीमारी से जूझ रहे थे. इरफान को सहज अभिनेता होने का श्रेय जाता है. एक खास तरह की संवाद अदायगी और अदाकारी से उन्होंने दर्शकों में अपनी... Read more
ताऊ जी का व्यक्तित्व इलाके में किंवदंती था
कुछ लोग बड़े करिश्माई व्यक्तित्व के होते हैं. जटिल से जटिल परिस्थिति में भी सटीक समाधान देते हैं. समाज से उनका सीधा संपर्क बना रहता है, जिसके चलते वे छोटी-छोटी बातों में भी दूर की कौड़ी ढ़ूँ... Read more
उस बरस चुनाव का मौसम जोरों पर आया. चुनाव-कार्यक्रम आने में देर थी, लेकिन उठा-पटक, उखाड़-पछाड़ का दौर काफी पहले से ही शुरू हो गया. (Elections Satire Lalit Mohan Rayal) हर कोई, बस इसी फिराक मे... Read more
बनारस के निष्कलुष हास्य और शार्प विट से बुना गया है आशुतोष मिश्रा का पहला उपन्यास
‘राजनैत’ लेखक आशुतोष मिश्र का पहला उपन्यास है. अपनी पहली ही रचना में उन्होंने प्रवाहमय विट-संपन्न गद्य लिखा है. उनमें एक समर्थ प्रतिभाशाली लेखक की झलक मिलती है. Review Ashutosh M... Read more
साहित्यकार अमित श्रीवास्तव का बहुप्रतीक्षित उपन्यास ‘गहन है यह अंधकारा’ आखिर छपकर आ ही गया. आजादी के बाद से पुलिस-सुधार की बातें जोर-शोर से चलती रहीं. पुलिस- कमीशन की कई रिपोर्ट्... Read more
दो लफ़्ज़ों की है दिल की कहानी
Amore Mio Dove Stai Tu Sto Cercando Sei Solo Mio Amore Mio Dove Stai Tu Sto Cercando Sei Solo Mio दो लफ़्ज़ों की है दिल की कहानी या है मोहब्बत या है जवानी दो लफ़्ज़ों की है दिल की कहानी या ह... Read more
कहीं करती होगी वो मेरा इंतज़ार,
कहीं करती होगी वो मेरा इंतज़ार, जिसकी तमन्ना मे फिरता हूँ बेकरार कहीं करती होगी वो मेरा इंतज़ार, जिसकी तमन्ना मे फिरता हूँ बेकरार दूर ज़ुल्फों की छाँव से, कहता हूँ ये हवाओं से उसी बुत की अदा... Read more
साहिर लुधियानवी का गीत जिसमें मोहब्बत जैसे नाजुक विषय पर खुलेआम शास्त्रार्थ है
हर तरफ हुस्न है, जवानी है,आज की रात क्या सुहानी हैरेशमी जिस्म थरथराते हैं,मर्मरी ख्वाब गुनगुनाते हैंधड़कनों में सुरूर फैला है,रंग नज़दीक-ओ-दूर फैला हैदावत-ए-इश्क दे रही है फज़ा,आज हो जा किसी... Read more
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