बोर्निओ के नरमुंड शिकारी
वह प्रकृति के बीच रहते हैं. जल और जंगल की ये जमीन ही उनकी पालनहार है. इसके हर पत्ते, हर शाख, पहाड़ी गुफा के हर आसरे, दरारों से रिसते पानी, कल कल बहते धारे, तीव्र गतिमान भंवर में गोल गोल घूमत... Read more
दूनागिरी की गुफा से क्रिया योग की कथा
‘श्यामा चरण इधर आओ ‘.द्रोणा गिरि के पर्वतों में गूंजती यह ध्वनि सुनाई देती है. इस घने जंगल, विचरण कर रहे पशु पक्षियों के कलरव, जिधर दृष्टि डालो उधर हरियाली वाली उपत्यका में,उन्हे... Read more
स्त्रियों के लिये वर्जित नंदादेवी राजजात की पहली महिला यात्री ‘गीता गैरोला’ के यात्रा वृतांत: ये मन बंजारा रे
पहाड़ों की तेज ठंडी ताकतवर हवा, मुझे मेरे पिट्ठू के साथ सर्पीली पगडंडियों पर सहलाती हुई मेरी थकान उतार देती हैं. मेरी आँखें घनी गहरी हरियाली से सजे जंगलों, दूर ऊँची बर्फ़ीली छोटी से तेजी से... Read more
जौनसार की दैवीय चिकित्सा
गढ़वाल हिमालय के देहरादून जिले में कालसी और चकराता ब्लॉक में निवास करती है जौनसारी जनजाति जो पांडवों को अपना पूर्वज मानती है. पांडवानी संस्कृति की छाप यहाँ के सामाजिक जीवन में देखी जाती है.... Read more
द्रोणागिरी पर्वत में शक्ति पूजा
सात कुलपर्वतों में चौथे पर्वत के रूप में ‘द्रोणागिरि’ की मान्यता विष्णु पुराण में वर्णित है जहां इसे औषधि पर्वत की संज्ञा दी गई है :(Dronagiri Parvat Uttarakhand) कुमुदषचौन्नतश्च... Read more
उत्तराखंड में नाग गढ़पतियों की पूजा
उत्तराखंड में नागों का प्रभाव शिव पूजा में भी प्रबल रहा. ब्रह्मा ने नागों को शाप दिया तो नागों ने पुष्कर पर्वत पर शिव शम्भू की प्रार्थना कर उन्हें प्रसन्न तो किया ही उनके कंठ के हार भी बने .... Read more
पहाड़ में मौसम की जानकारी के लोक विश्वास
पहाड़ में मौसम के बारे में जानकारी किसम-किसम के लोक विश्वास के हिसाब से लगायी जाती. सूरज की गति के उत्तरायण होने दक्षिणायन होने, साल भर में नियत पैटोँ में मनाई गई संक्रांति के साथ धूप कब तेज... Read more
सीमांत हिमालय के अनवाल
गोरा रंग पीला पड़ा हुआ. धूप में तपा भी, ठंड से सिकुड़ा भी. हवा के थपेड़ों से सिर में भूरे बाल आपस में उलझे. छोटी तिरछी भूरी आँखें हैं.उभरी हुई दिखती भूरी पलकें. चौड़ाई लिया माथा जिन पर कई लक... Read more
बद्रीनाथ भगवान ज्यू की कथा
बद्रीनाथ जहां स्वर्गीय वृक्षों से पुष्पराशि झरती है. जहां सीमांत के अंतिम गाँव की कौमारिकायें मंगल गान करती हुई आराध्य को घृत कम्बल पहनाती हैं. जहां शीतकाल में देवता धरती से उतर कर नारद के स... Read more
कहानी नैनी-सैनी हवा पट्टी बनने की
बरसों पहले की बात है जब पिथौरागढ़ सोर घाटी के नैनी-सैनी सेरे में धान की फसल लहलहाती थी. बढ़िया सिंचित जमीन, चौरस पट्टी. इसमें तब बांजा पड़ गया जब ये तय हुआ कि इतनी दूर तक फैली जमीन पर तो हवा... Read more
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