परदेस को चिठ्ठी लिखने का भी कोई कायदा होता होगा. बाबू ने ही तो कहा था – “दुःख में जो-जो मुंह से निकला सब लिख देना हुआ क्या?” फिर तो परदेस में चिठ्ठी बांचने का भी कोई कायदा... Read more
उत्तराखण्ड के पहाड़ी इलाके को ध्यान से देखा जाय तो मालूम पड़ता है कि मनुष्य और प्रकृति के सम्बन्ध पिछले करीब दो सौ बरसों में बहुत बिगड़े हैं और इन्हें बिगाड़ने का काम केवल मनुष्य ने किया है. (Ut... Read more
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