राज्य स्थापना दिवस विशेष – 2
मैंने कभी स्कूल का भात नहीं खाया. हमारे टाईम पर मिलता भी नहीं था. मैं जब सातवीं में पहुंची तब से स्कूल में दिन के समय भात मिलना शुरू हुआ. मेरे बाद की मेरी दोनों बहनों ने जरुर भात खाया. मैं प... Read more
लौंडे-लबारों की बरात में सयाने बूढ़े की होशियारी
छी भै ये बूढ़े लोग भी न, बहुत तंग कर देते हैं. जब कुछ काम नहीं कर सकते तो आराम से खाएं, पियें एक जगह में बैठे रहें. जब देखो सारे घर में घूम घूम के ये करो, वो करो, ऐसे करो, वैसे करो. इस काम को... Read more
किशोर उत्तराखंड की जकड़
उत्तराखंड अगर मानव शरीर होता तो आज किशोर होता और स्कूल छोड़कर कॉलेज जाने की तैयारी कर रहा होता. कल्पना कीजिये कि 9 नवम्बर, 2018 के दिन वो कैसा दिखाई दे रहा होता? हमारे गाँवों का रूपाकार आज कु... Read more
बायोमेडिकल वेस्ट यानी अस्पतालों से निकला हुआ कूड़ा. इस कूड़े से तमाम बीमारियां होने की आशंका बनी रहती है. इसे खुले में फेंकना दंडनीय अपराध है. इसके बावजूद मैदानी क्षे़त्रों के अलावा गाड़ गधेरों... Read more
उत्तराखंड सरकार ने पांच महीने पहले खत्म हो चुके निकायों के कार्यकाल पर चुप्पी साध ली थी. फोकस लोकसभा चुनाव पर कर दिया था. हाई कोर्ट ने जब सख्ती से सरकार को निकाय चुनाव कराने के आदेश दिए, तो... Read more
सरयू आज भी सिसकती है – कुसुमा की त्रासद लोककथा
सुसाट मन को कपोरता है. लग जाता है एक उदेख जिसके अंदर कुहरा जाती है बाली कुसुमा की ओसिल कहानी. सरयू आज भी सिसकती है. इतना तो समय बीत गया. विदित नहीं अब देवराम और सरूली दीदी जीवित होंगे भी कि... Read more
डिलीवरी फर्श पर, मौत सरकारी संवेदना की हुई
देहरादून में संवेदनहीनता का एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे हम अक्सर दूर-दराज गांवों में अक्सर सुना करते हैं. यह मामला राजधानी में होने से सुर्खियों में आ गया है. सरकारी अस्पताल में गर्भवती... Read more
क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट : अस्पतालों में इंस्पेक्टर राज कायम करना है या फिर सुधार
राज्य में क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट (सीईए) बड़ा विवाद का विषय बन गया है. यह विवाद 2010 से ही है, जब एक्ट बना. 2015 में इसे लागू करने का आदेश हुआ. तब भी निजी अस्पतालों के डाॅक्टरों ने इसका... Read more
1994 के बाद उत्तराखंड आन्दोलन में जबरदस्त जनउभार देखने को मिला. 1 सितंबर 1994 को खटीमा में करीब दस हजार से ज्यादा लोगों ने एक जुलूस निकाला. जुलूस में पूर्व सैनिक, छात्र, और महिलाएं बड़ी संख्... Read more
उत्तराखण्ड की एक बीहड़ यात्रा की याद – 2
इस ट्रैवलाग ने एलानिया कहानी बनने की तरफ पहला गोता मार दिया है. लेकिन मैं इसे पूरी ताकत लगाकर कहानी होने से बचाना चाहता हूं क्योंकि हमारे जीवन का यथार्थ कहानी से कहीं ज्यादा दिलफरेब है. कहान... Read more
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