उत्तराखंड में 7 से 8 अक्टूबर 2018 को इन्वेस्टमेंट समिट होगी. देहरादून में होने वाले समिट में राज्य सरकार 20 हजार करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट आने की उम्मीद कर रही है. राज्य सरकार द्वारा देश विदेश में इन्वेस्टर्स समिट के लिए आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों में सकारात्मक उम्मीद मिल रही है. इन कार्यक्रमों के जरिये सरकार को प्रदेश में निवेश के लिए देश विदेश से अच्छे प्रस्ताव मिले हैं.
इस समिट में फूड प्रोसेसिंग, टूरिज्म, हॉर्टिकल्चर, होटल और इंडस्ट्री पर फोकस रहेगा। आज दिल्ली में उत्तराखंड सरकार इन्वेस्टर समिट को लेकर रोडशो आयोजित किया था जिसका मकसद इन्वेस्टर को राज्य में इन्वेस्टमेंट के लिए इन्वाइट करना था.अक्टूबर माह सात और आठ तारीख को आयोजित किए जा रहे ‘डेस्टिनेशन उत्तराखंड-इन्वेस्टर्स समिट’ में भाग लेने को देश-विदेश से निवेशकों को न्योता दिया जा रहा है. इस समिट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात अक्टूबर को करेंगे. सरकार का उच्चस्तरीय दल ब्रिटेन, जर्मन समेत विभिन्न देशों में निवेशकों से मुलाकात के बाद अब विभिन्न राज्यों में रोड शो के आयोजन में लगा हुआ है. पिछले एक पखवाड़े से बैंगलुरू, हैदराबाद, अहमदाबाद, लखनऊ, मुंबई में रोड शो आयोजित किए जा चुके हैं.
राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रोड शो में कहा कि राज्य सरकार ने इन्वेस्टमेंट बढ़ाने के लिए सिंगल विंडों क्लीयरेंस शुरू कर दिया है। इसके तहत 15 दिन में उन्हें क्लीयरेंस मिल जाएगी। इंडस्ट्री को कई तरह की छूट और रियायत। इसके जरिये 15 दिन के भीतर मंजूरी दी जा रही है. पर्यटन, आयुष, वेलनेस, ऑर्गेनिक उत्पादों व खाद्य संस्करण पर राज्य सरकार का विशेष फोकस है.
इसी वर्ष के फरवरी माह में ब्रिटेन के उद्योगपतियों ने उत्तराखंड के नौकरशाहों के साथ निवेश की संभावनाओं पर विचार विमर्श तो खूब किया था. 20 फरवरी को यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) के डिप्टी हाई कमिश्नर एंड्रयू आयर ने सचिवालय में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह से मुलाकात की थी.इस मुलाकात के दौरान उन्होंने उत्तराखंड में पूंजी निवेश की संभावनाओं पर गहन विचार विमर्श किया था। इसी दौरान यह भी तय हुआ कि उद्योगपतियों व विशेषज्ञों का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य के संबंधित अधिकारियों के साथ 27 फरवरी को विचार-विमर्श करेगा.इसके बावजूद ब्रिटिश उद्योगपतियों की ओर से किसी भी क्षेत्र में निवेश को लेकर कोई आश्वासन नहीं मिला.इस बार भी सरकार पुरें होमवर्क के साथ नजर नहीं आ रही है. अधिकतर सेक्टरों की कोई नीति तक नहीं बनीं है. जब नीतियां ही नहीं बन पाई है तो कैसे निवेश को कैसे आकर्षित किया जा सकेंगा?
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