समाज

चाय की दूकान में काम करने वाले राजीव ने किया कमाल

हल्द्वानी में नैनीताल रोड पर तिकोनिया के पास श्री राम अस्पताल के बाहर नंदू चाय की दुकान का ठेला लगता है. Success Story of a Boy Working in Tea Shop

मूल रूप से हैड़ाखान निवासी नंदन सिंह यहाँ काफी वर्षों से कार्य कर रहे हैं. लगभग दस वर्ष पूर्व उनके पास किसी के माध्यम से बरेली से एक छोटा बच्चा आया. बच्चे ने अपना नाम बताया राजीव – राजीव मौर्य. Success Story of a Boy Working in Tea Shop

राजीव मौर्य
राजीव की मार्क शीट का प्रिंट आउट

नंदू ने कुछ समय बच्चे को अपने साथ अपने घर पर रखा. राजीव को अपने बच्चों के साथ ही पढ़ाया और फिर कक्षा तीन में स्कूल डाल दिया.

राजीव दिन में चाय की दुकान में हाथ बंटाता और शाम को मन लगाकर पढाई किया करता. उसकी सात साल की लगन और कोशिश का नतीजा है की अब जब हाई स्कूल के उत्तराखंड बोर्ड का परिणाम आया तो चाय की दुकान पर काम करने वाला यह युवक माँ पिता परिवार से दूर अपने दम पर 88.8% नंबर लाया. Success Story of a Boy Working in Tea Shop

लेखक के साथ राजीव मौर्य

राजीव को थोड़ा मलाल है की अंग्रेजी में कुछ अंक कम आये वरना वह 90% से ऊपर बढ़ जाता. राजीव का सपना इंडियन नेवी में अफसर बनने का है और लगन से वह इस लक्ष्य को प्राप्त करना चाहता है. नंदू जी को वह चाचा बुलाता है और अपनी सफलता का श्रेय भी अपने शिक्षकों के साथ पूरा इन्हीं को देता है.

-ध्रुव रौतेला

यह भी पढ़ें: मुक्तेश्वर में मनोज बाजपेयी से एक्सक्लूसिव बातचीत

उत्तर भारत का दिल हिंदी में धड़कता है – वीरेन डंगवाल

शोध पत्रों का पहला संकलन प्रकाशित करेगा नैनीताल का एटीआई

काफल ट्री के फेसबुक पेज को लाइक करें : Kafal Tree Online

वरिष्ठ पत्रकार ध्रुव रौतेला देश के कई नामी मीडिया संस्थानों से जुड़े रहे हैं.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

View Comments

  • स्टोरी के साथ फोटो नंदन सिंह उर्फ नंदू जी का भी होना चाहिए था, जिन्होंने बालक राजीव को अवसर दिया।

Recent Posts

उत्तराखंड में सेवा क्षेत्र का विकास व रणनीतियाँ

उत्तराखंड की भौगोलिक, सांस्कृतिक व पर्यावरणीय विशेषताएं इसे पारम्परिक व आधुनिक दोनों प्रकार की सेवाओं…

2 days ago

जब रुद्रचंद ने अकेले द्वन्द युद्ध जीतकर मुगलों को तराई से भगाया

अल्मोड़ा गजेटियर किताब के अनुसार, कुमाऊँ के एक नये राजा के शासनारंभ के समय सबसे…

6 days ago

कैसे बसी पाटलिपुत्र नगरी

हमारी वेबसाइट पर हम कथासरित्सागर की कहानियाँ साझा कर रहे हैं. इससे पहले आप "पुष्पदन्त…

6 days ago

पुष्पदंत बने वररुचि और सीखे वेद

आपने यह कहानी पढ़ी "पुष्पदन्त और माल्यवान को मिला श्राप". आज की कहानी में जानते…

6 days ago

चतुर कमला और उसके आलसी पति की कहानी

बहुत पुराने समय की बात है, एक पंजाबी गाँव में कमला नाम की एक स्त्री…

6 days ago

माँ! मैं बस लिख देना चाहती हूं- तुम्हारे नाम

आज दिसंबर की शुरुआत हो रही है और साल 2025 अपने आखिरी दिनों की तरफ…

6 days ago