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3 Comments

  1. Subodh

    ये रुद्रप्रयाग के तेंदुए की कहानी है। तस्वीर भी तेंदुए यानी leopard की है। फिर पूरे आलेख में बाघ क्यों लिखा गया। बाघ टाइगर को कहते हैं। उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में यह गलत नामकरण प्रचलित है, जिस से अन्य इलाके के पाठक धोखे में पड़ जाते हैं।

    मानक हिंदी में स्पष्ट नाम हैं –
    बाघ – Tiger
    शेर – Lion
    तेंदुआ – Leopard

  2. [email protected]

    उत्तराखंड में तेंदुए को ही बाघ कहते हैं, जबकि बाघ अलग जानवर है,शायद पहाड़ों में बाघ होता ही नहीं है, ये तो जीम कार्बेट में ही मिल सकता है, वैसे कहानी अच्छी लगी।

  3. अंशुल कोटियाल

    बाघ गढ़वाल में भी होता है हमारे गांव में पकड़ा गया था।

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