सोमेश्वर क्षेत्र शिव की घाटी के रूप में भी जाना जाता है. इसे पूरे क्षेत्र में 12 से अधिक शिव को समर्पित शिव मंदिर हैं. सोमनाथ शिव का मंदिर सोमेश्वर घाटी के शिव मंदिरों में एक प्रमुख मंदिर है. इस मंदिर के विषय में इतिहासकारों का मानना है कि यह 12वीं से 15वीं सदी के बीच बना शिव मंदिर है जिसे कुछ स्थानीय सोमेश्वर महादेव का मंदिर भी कहते हैं.
(Someshwar Mahadev Temple Almora)
सोमेश्वर घाटी कोसी और सांई नदी के तट पर बसी है. कोसी को कौशल्या और सांई नदी को शालिवाहिनी भी कहा जाता है. शालि नाम घान का भी है. और यह क्षेत्र धान की उपज के मशहूर है. यहां दर्जनों किस्म की घान की भरपूर पैदावार होती है. सोमेश्वर घाटी में धान की रोपाई की तस्वीरें यहां देखिये :
सोमेश्वर घाटी में धान की रोपाई के फोटो
सोमनाथ मंदिर में सावन के महीने के अतिरिक्त महाशिव रात्रि के दिन भी भव्य आयोजन होता है. महाशिवरात्रि के दिन यहां सुबह से ही भक्तों का तांता लग जाता है. भक्तजन यहां आकर स्वयंभू शिवलिंग में जल चढ़ाते हैं और अपने आराध्य का प्रातः स्मरण करते हैं.
(Someshwar Mahadev Temple Almora)
मंदिर परिसर में एक से एक सुंदर प्राचीन मूर्तियां हैं जिनमें गणेश, कार्तिक, पार्वती के अतिरिक्त विष्णु की प्रतिमा भी है. शुभ-अवसरों पर मंदिर का प्रांगण महादेवा हो तुमरी शरणा, ऐ रीना हो, सबूंकी रक्षा करिया रक्षा हो… जैसे मधुर लोकगीतों के गायन से गुंजायमान रहता है. मंदिर से एक चांदकालीन ताम्रपत्र मिलने का दावा भी किया जाता है. जिसके अनुसार चन्द शासकों ने मंदिर के निर्माण हेतु दान किया था. महाशिवरात्रि के दिन की तस्वीरें दिखिये:
(Someshwar Mahadev Temple Almora)
![](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2022/03/WhatsApp-Image-2022-03-01-at-9.35.08-AM-768x1024.jpeg)
![](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2022/03/WhatsApp-Image-2021-12-22-at-9.06.12-PM-1-1024x473.jpeg)
![](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2022/03/WhatsApp-Image-2021-12-22-at-9.06.12-PM-1024x473.jpeg)
![](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2022/03/WhatsApp-Image-2021-12-22-at-9.06.11-PM-473x1024.jpeg)
![](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2022/03/WhatsApp-Image-2021-12-22-at-9.06.10-PM-2-1024x473.jpeg)
![](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2022/03/WhatsApp-Image-2021-12-22-at-9.06.10-PM-1-1024x473.jpeg)
![](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2022/03/WhatsApp-Image-2021-12-22-at-9.06.10-PM-1024x473.jpeg)
![](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2022/03/WhatsApp-Image-2021-12-22-at-9.06.09-PM-1-473x1024.jpeg)
![](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2022/03/WhatsApp-Image-2021-12-22-at-9.06.09-PM-1024x473.jpeg)
![](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2022/03/WhatsApp-Image-2022-03-01-at-9.35.11-AM-768x1024.jpeg)
![](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2022/03/WhatsApp-Image-2022-03-01-at-9.35.10-AM-1-1024x768.jpeg)
![](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2022/03/WhatsApp-Image-2022-03-01-at-9.35.10-AM-768x1024.jpeg)
![](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2022/03/WhatsApp-Image-2022-03-01-at-9.35.09-AM-1024x768.jpeg)
–अपर्णा सिंह
![](https://sp-ao.shortpixel.ai/client/q_lossless,ret_img,w_120,h_120/https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2021/09/36188140_1963430783691551_8151303441918984192_n-147x150.jpg)
इतिहास विषय पर गहरी पकड़ रखने वाली अपर्णा सिंह वर्तमान में सोमेश्वर महाविद्यालय में इतिहास विषय ही पढ़ाती भी हैं. महाविद्यालय में पढ़ाने के अतिरिक्त अपर्णा को रंगमंच पर अभिनय करते देखना भी एक सुखद अनुभव है.
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online
इसे भी पढ़ें: दुश्मनों को धूल चटाने वाली बाबर की नानी ‘ईसान दौलत खानम’
![](https://kafaltree.com/wp-content/uploads/2020/06/Logo.jpg)
Support Kafal Tree
.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें