कुमाऊं क्षेत्र में शिव की होलियां बड़ी लोकप्रिय हैं. इन दिनों शिव के अनेक मंदिरों में होली गाई जा रही है. शिव इन क्षेत्रों के आराध्य हैं इसलिये यहां की पारंपरिक होलियों में शिव का विशेष उल्लेख मिलता हैं. Shiv ke man mahi base kashi
उत्तराखंड में इन दिनों युवा अपने अपने स्तर पर इन पारंपरिक होलियों को बचाने में लगे हैं. हल्द्वानी के ऐसे ही एक युवा करन जोशी से काफल ट्री के पाठक परिचित हैं. पिछले वर्ष उन्होंने कुमाऊनी होली गीत ‘बुरांसी के फूलों को कुमकुम मारो’ को नये कलेवर में पेश किया था.
इस सीरीज को आगे बढ़ाते हुए करन ने इस वर्ष कुमाऊनी होली गीत ‘शिव के मन मा ही बसे काशी‘ को नए सांचे में ढालकर पेश किया है.
करन जोशी के यूट्यूब चैनल केदारनाद में यहाँ देखिये :
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2 Comments
Sumit singh
Adbhut!! Keep it on.
Ashok Thapliyal
वाह करण जोशी। आपके दोनों होली गीत बहुत पसंद आए। खासकर बुरांसी के फूलों में नजीर का रंग घोलकर नया प्रयोग सफल रहा। काफल ट्री आकर्षक मंच है।