वहीं हुआ जिसका अंदेशा था. टीम इंडिया सीरीज़ का आख़िरी टेस्ट भी हार गई. लेकिन टीम इंडिया को तसल्ली हो सकती है कि ओवल के इस टेस्ट में ऐतिहासिक हार नहीं हुई है, जैसा कि उस वक़्त निश्चित लग रहा था, जब चौथे दिन 464 के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए महज़ दो रन पर तीन विकेट गिर चुके थे.
इसमें इस सीरीज़ में सबसे बेहतर बल्लेबाज़ी वाले कप्तान विराट कोहली का विकेट भी था. विशेषज्ञ उम्मीद कर रहे थे कि मैच चौथे दिन ही ख़त्म हो जाएगा और टीम इंडिया हद से हद सौ-सवा सौ के भीतर सिमट जायेगी. लगभग 300 रन से हार होगी. लेकिन ओपनर लोकेश राहुल (149) और विकेटकीपर-बल्लेबाज़ ऋषभ पंत (113) के साहस का कि टीम इंडिया की मिट्टी पलीद होने से बच गई.118 से हार हुई.
एक समय तो ऐसा लग रहा था कि टीम इंडिया मैच बचा लेगी, जब स्कोर 5 विकेट पर 326 था. ये भी किसी चमत्कार से कम न होता. लेकिन होता वही है जो नियति में लिखा होता है. तू चल मैं आता हूं. अगले 19 रन में 5 विकेट उखड़ गए. टीम 345 पर पैवेलियन वापस. सीरीज़ 4-1 से हार कर गए.
लेकिन इस हार के बीच ओवल टेस्ट मैच की दूसरी पारी रिषभ पंत के लिए यादगार बन गया. उन्होंने दूसरी इनिंग में कमाल की बल्लेबाजी करते हुए बेहतरीन शतक लगाया. ये उनके टेस्ट करियर का पहला शतक रहा. रिषभ ने अपना ये शतक 117 गेंदों का सामना करते हुए पूरा किया.
इस शतकीय पारी में उन्होंने 14 चौके और 3 बेहतरीन छक्के लगाए. रिषभ ने वनडे के अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए अपना ये शतक पूरा किया. अपनी इस पारी में रिषभ का वो रूप देखने को मिला जिसके लिए वो जाने जाते हैं यानी आक्रामक बल्लेबाजी करना ही उनका नैसर्गिक खेल है. रिषभ ने इस पारी में 146 गेंदों का सामना करते हुए 114 रन बनाए.
रिषभ पंत अब टेस्ट क्रिकेट में चौथे भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं जिन्होंने छक्का लगाकर अपना पहला टेस्ट शतक पूरा किया। रिषभ से पहले तीन भारतीय खिलाड़ी ये कमाल कर चुके हैं.
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