फोटो सुधीर कुमार
रेल मंत्रालय सभी रेलवे स्टेशनों और सभी यात्री गाडियों में फर्स्टएड चिकित्सा सुविधाएं प्रदान कर रहा है, जिसके लिए सभी तरह की दवाओं, ड्रेसिंग सामग्री से युक्त मेडिकल बॉक्स और ऑक्सीजन सिलेंडर तथा डिलीवरी किट आदि की समुचित व्यवस्था की गई है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली के विशेषज्ञ चिकित्सकों की अनुशंसा के अनुसार ये वस्तुएं रेलगाड़ी अधीक्षक/गार्ड और स्टेशन मास्टर/स्टेशन अधीक्षकों के पास उपलब्ध कराई गई हैं.
रेल यात्रा के दौरान बीमार हो जाने अथवा घायल होने की स्थिति में यात्री प्राथमिक उपचार के लिए रेलगाड़ी अथवा स्टेशनों पर तैनात कर्मचारियों से संपर्क कर सकते हैं. रेलगाडि़यों और स्टेशनों पर तैनात कर्मचारियों जैसे टिकट चेकिंग स्टाफ, रेलगाड़ी अधीक्षकों, गार्डों, स्टेशन मास्टर आदि को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने का समुचित प्रशिक्षण दिया गया है. यात्रा के दौरान गंभीर चिकित्सीय आपात स्थिति होने पर यात्रियों के रूप में मौजूद चिकित्सकों की सेवाएं भी ली जा सकती हैं. ऐसे चिकित्सकों को यात्रा में रियायत दी जाती है और टीटीई के पास उपलब्ध आरक्षण चार्टों में उनकी पहचान अलग से दर्शायी जाती है, जिसे डिब्बे में भी प्रदर्शित किया जाता है.
चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए मार्ग में अगले स्टेशन पर रेलवे के चिकित्सक अथवा प्राइवेट प्रेक्टिशनर का भी प्रबंध किया गया है. स्टेशन मास्टरों के पास निकटवर्ती रेलवे/सरकारी/प्राइवेट अस्पतालों/क्लिनिकों और एम्बुलेंस सेवाओं की सूची रखी गई है, जिसमें उनके पते, उपलब्ध सुविधाओं और फोन नम्बर आदि का ब्यौरा दिया गया है.
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