अगर आप अंतरिक्ष की गहराइयों में छिपे रहस्यों को जानने में रुचि रखते हैं, तो इन दिनों क़ुदरत ने आप के लिए बेहतरीन मौका बनाया हुआ है. नया साल अपने साथ ले कर आया है उल्का पिंडों की घनघोर बौछारें, जिसे क्वाड्रेनटिड्स मीटियोर शावर (Quadrantids Meteor Shower) कहा जा रहा है. अब से 12 जनवरी की रात तक आपको रोजाना आसमान से टूटते तारों की बारिश नजर आएगी. लेकिन इस बारिश को देखने और टूटते तारों से मन्नतें मांगने के लिए आपको पहाड़ों में आना होगा. (Quadrantids Meteor Shower Uttarakhand)
मैदानों में इन दिनों घना कोहरा है और सदाबहार प्रदूषण तो हमेशा से है ही, इस लिए वहाँ से इन सुंदर नजारों का आनंद नहीं लिया जा सकेगा. इस शानदार आतिशबाजी को देखने के लिए इन दिनों पहाड़ों का मौसम मुफ़ीद है. दिन में गर्म, चमकदार सूरज की किरणें और रात को स्याह अंतरिक्ष के सबसे बेहतरीन दृश्यों का आनंद लूटने को आसान बनाते हैं. पांच जनवरी की रात क्वाड्रेनटिड्स उल्कापात अपने चरम पर होगा, इस दौरान हर घंटे आपको 80 से 100 टूटते तारे दिखाई देंगे.
उत्तराखंड में बढ़ रहे एस्ट्रोटूरिज्म के केंद्र
उत्तराखंड में एस्ट्रो-टूरिज्म का क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है. नैनीताल सहित प्रदेश के कई हिस्सों में, कई कंपनियां केवल एस्ट्रो-टूरिज्म क्षेत्र में काम कर रही हैं. इन कंपनियों में काम करने वाले अंतरिक्ष विशेषज्ञ आसमान के काले परदे में छिपे रहस्यों को आप के सामने खोलते जाते हैं. इन के पास मौजूद उपकरण अन्तरिक्ष की परतों के भीतर दाखिल होने में आपकी मदद करते हैं. (Quadrantids Meteor Shower Uttarakhand)
www.Phyoli.com से साभार
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