आज मैं तीन ऐसे प्राणायाम के बारे में बात करने वाला हूँ जिनका अगर आपने नियमित रूप से अभ्यास किया तो आप अपने दिमाग की सेहत को लाजवाब बना सकते हैं और अगर दिमाग की सेहत को आप लाजवाब बना पाए, तो आपकी अपनी सेहत तो लाजवाब बनेगी ही आपके जीवन के हर पहलू की सेहत भी लाजवाब बनेगी यानी आप सफलता के रास्ते पर आगे बढ़ेंगे, आप आनंद के रास्ते पर आगे बढ़ेंगे, आप मोक्ष के रास्ते पर भी आगे बढ़ेंगे. हर चीज़ के लिए दिमाग सबसे ज्यादा जरूरी है और जो चीज़ सबसे जरूरी है अगर वही कमजोर हो जाए, तो पूरा जीवन कमजोर पड़ जाता है. इसलिए पूरे जीवन को मजबूत बनाने के लिए आपको दिमाग को मजबूत बनाना बहुत जरूरी है. दिमाग को मजबूत बनाने के लिए आपको दिमाग से रिलेटेड चीजें करनी बहुत जरूरी है और प्राणायाम का सीधा संबंध आपके दिमाग से होता है. तो आज मैं आपको तीन प्राणायाम बताने वाला हूँ. जो स्टूडेंट हैं वे लोग खासकर बहुत ध्यान से पढ़ें लेकिन बाकी लोग भी उतना ही ध्यान लगाएं क्योंकि जो मैं बताने वाला हूँ उसका आपके जीवन से सीधा संबंध है. आपकी उम्र कुछ भी हो अगर आपने ये बातें सीख लीं और ये प्राणायाम करने के तरीके सीख लिए और इसका नियमित अभ्यास शुरू किया, तो आप जल्दी ही खुद से ही इसका रिज़ल्ट देख सकते हैं और महसूस कर सकते हैं.
(Pranayama for Brain Power)
पहला – कुंभक प्राणायाम
पहला प्राणायाम है कुंभक प्राणायाम. तो प्राण क्या है? प्राणवायु में आप जो ऑक्सीजन लेते हैं वो प्राण है. प्राण को आप जब भीतर लेते है, तो जीवित रहते हैं. आपको अगर कुछ देर तक ऑक्सीजन नहीं मिले प्राणवायु आपको मिलनी बंद हो जाए तो जीवन के लीला भी समाप्त हो जाती है. तो कुम्भक क्या है? एक सांस के चार हिस्से होते हैं पूरक, कुंभक, रेचक और शून्यक. यानी जब आप सांस खींचते हैं तो पूरक. जब आप सांस को भीतर रोकते हैं तो कुंभक. जब आप सांस को बाहर छोड़ते हैं तो रेचक और जब आप सांस को बाहर रोके रहते हैं तो शून्यक यानी आपके भीतर शून्य पैदा हो जाता है. आपको कुंभक प्राणायाम का अभ्यास करना है, तो उसके लिए आपको थोड़ा अलग तरीके से सांस लेनी पड़ेगी. बाकी सारे प्राणायामों में हम नाक से सांस लेते हैं, लेकिन इसमें हम मुँह से सांस लेंगे. उसका भी एक खास तरीका है. आपको होंठ सिकोड़ते हुए सांस लेनी है. सांस लेने की आवाज करते हुए. विडियो में देखें किस तरह मैंने सांस ली. जितनी लंबी सांस खींच सकते हैं उतनी खींच लें. और उसको भीतर रोक दीजिये. 10 सेकंड तक आप उसको भीतर रोककर रखिये और उसके बाद सांस को छोड़ना कैसे है? जैसे साँस ली थी वैसे ही उसको छोड़ना है.
(Pranayama for Brain Power)
आपको कुंभक प्राणायाम के 10 रिपीटिशन करने चाहिए. जब आप सांस को भीतर लेकर रोकते हैं, तो बॉडी अपने आप से आपकी सांस से जो एनर्जी मिली है, जो ऑक्सीजन मिली है, उसे माइंड तक पहुंचाने का काम करती है. आपको ये मालूम होगा कि जो आप एनर्जी लेते हैं, खाना खाते हैं, ऑक्सीजन लेते हैं, उसका 20% हिस्सा माइंड इस्तेमाल करता है. जब ऑक्सीजन माइंड में जाती है तो वो माइंड की हेल्थ के लिए बहुत ही पॉज़िटिव असर पैदा करती है. जो माइंड के भीतर न्यूरॉन्स हैं, जो माइंड के सेल्स हैं, उनको जब ऑक्सीजन मिलती है, तो उतना ही माइंड हेल्दी बनता जाता है. जितना वो हेल्दी बनता है उतनी उसकी जो फंक्शनिंग है, जो काम माइंड करता है, सारे कामों पर इसका प्रभाव पड़ता है. सब काम वो ज्यादा बेहतर सामर्थ्य के साथ करने लगता है. इसमें एक चीज याद रखिएगा कि जितना अभ्यास करते जाएंगे उसके हिसाब से 10 सेकंड को बढ़ा सकते हैं. जिन लोगों को हाइपरटेंशन है वो 10 सेकंड ही करें. जिन्हें हाइपर टेंशन नहीं है, जो हेल्दी हैं, वो लोग इसको 10 से 15 सेकंड तक सांस रोक कर रख सकते हैं. 15 से 20 सेकंड कर सकते हैं. 30 सेकंड तक भी जा सकते हैं.
(Pranayama for Brain Power)
दूसरा है अनुलोम विलोम
अनुलोम-विलोम तो बहुत ही पॉपुलर प्राणायाम है. रोज़ करना चाहिए चाहे आप किसी भी उम्र के हों. इस प्राणायाम के इतने फायदे हैं कि जहाँ मौका मिले वहाँ करना चाहिए. कम से कम दिन में 10 रिपिटिशन तो आपको करने ही चाहिए, लेकिन मैं ये कहूंगा कि जहाँ भी जब भी खाली बैठे हैं, कुछ काम नहीं कर रहे हैं, उस वक्त आप ये कर लें. जो नाक ज्यादा खुली हो उससे पहली सांस लें. पांच काउंट तक सांस लीजिए और पांच तक फिर होल्ड कीजिए. फिर दूसरी साइड से पांच काउंट तक उसको बाहर निकालिए फिर लेफ्ट साइड से पांच काउंट तक साँस लें. पांच काउंट तक फिर होल्ड कीजिए और फिर पांच काउंट तक राइट साइड से एक्सहेल कीजिए. कुछ लोग चार सेकंड तक भी इन्हेल कर सकते हैं जो लोग नया नया करना शुरू कर रहे है लेकिन आप इसे भी बड़ा सकते हैं. धीरे धीरे आप पांच से छह पर जा सकते हैं. छह से सात पर जा सकते हैं.
तीसरा है भ्रामरी प्राणायाम
भ्रामरी प्राणायाम मस्तिष्क को युवा बनाकर रखता है. यह शरीर में पर्याप्त नाइट्रिक ऑक्साइड भी रिलीज करता है, जो फेफड़ों की हेल्थ के लिए अच्छा है. नाइट्रिक ऑक्साइड एंटी वायरल का भी काम करता है. यह प्राणायाम करने के लिए हमें अंगूठों से दोनों कान बंद कर लेने हैं और साथ की दोनों अंगुलियों से आंखें बंद कर लेनी हैं. अब मुंह बंद करके भंवरे की आवाज निकालनी है. आप जीभ को भी ऊपर की ओर फोल्ड करके तालू से मिला सकते हैं. इससे आपके मस्तिष्क में ज्यादा बेहतर कंपन्न होगा. यह कंपन्न एक तरह से मस्तिष्क की मालिश का काम करता है. दस बार इसे रिपीट करें. कई स्टडीज में पाया गया है कि ऐसा करने से आप सामान्य स्थिति की तुलना में शरीर में 20 गुना ज्यादा नाइट्रिक ऑक्साइड रिलीज करते हैं. जिस तरह हम ॐ का उच्चारण करते हुए ओ से शुरू करके म पर खत्म करते हैं, वहां भी हम एक तरह से भ्रामरी प्राणायाम का ही अभ्यास कर रहे होते हैं. इस प्राणायामा को नियमित करने से आपको दिमाग से संबंधित बीमारियां न होंगी.
(Pranayama for Brain Power)
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कवि, पत्रकार, सम्पादक और उपन्यासकार सुन्दर चन्द ठाकुर सम्प्रति नवभारत टाइम्स के मुम्बई संस्करण के सम्पादक हैं. उनका एक उपन्यास और दो कविता संग्रह प्रकाशित हैं. मीडिया में जुड़ने से पहले सुन्दर भारतीय सेना में अफसर थे. सुन्दर ने कोई साल भर तक काफल ट्री के लिए अपने बचपन के एक्सक्लूसिव संस्मरण लिखे थे जिन्हें पाठकों की बहुत सराहना मिली थी.
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