प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टिहरी गढ़वाल जिले के चंबा निवासी सुशांत उनियाल के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात-चीत की और उनके द्वारा किये गये मशरूम उत्पादन के कार्य को खूब सराहाते हुये कहा कि सुशांत ने उस बात को गलत साबित किया जिसमें कहा जाता है कि पहाड़ का पानी और उसकी जवानी उसके काम नहीं आती.
(PM Talks to Sushant Uttarakhand)
चंबा निवासी सुशांत उनियाल दिल्ली में अपनी मार्केटिंग मैनेजर की नौकरी छोड़कर दो साल पहले गांव में स्वरोजगार से जुड़े. अपने गांव डडूर में उन्होंने मशरूम का उत्पादन शुरु किया. आज राज्य भर में सुशांत की गिनती प्रगतिशील किसानों में गिने जाते हैं.
30 साल के सुशांत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया कि उन्होंने देखा की उनके क्षेत्र में मशरूम की बिक्री मैदानी क्षेत्रों से होती है जबकि उनके अपने क्षेत्र की जलवायु ऐसी है कि उसमें 9 महीने मशरूम का उत्पादन किया जा सकता है. सुशांत ने पहले गांव में खाली पड़े खंडहर कमरों में बेहद छोटे स्तर पर ढिंगरी मशरूम का उत्पादन शुरू कर दिया. अगले एक साल तक उन्हें 40-50 हजार की आय प्राप्त हुई. अब इस अनुभव को बड़े स्तर तक ले जाने की बारी थी.
(PM Talks to Sushant Uttarakhand)
इसके लिए सुशांत ने मशरूम निदेशालय सोलन(हिमाचल) से प्रशिक्षण लिया. पिछले साल की बात है सुशांत ने 90 कुंतल मशरुम उगाया और बेचा भी. सुशांत से बातचीत का वीडियो प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर भी शेयर किया. सुशांत के बारे में प्रधानमंत्री ने लिखा :
उत्तराखंड के टिहरी-गढ़वाल के मशरूम उत्पादक सुशांत उनियाल जी ने यह साबित कर दिखाया है कि पहाड़ की जवानी पहाड़ के कितने काम आ सकती है.
प्रधानमंत्री से बातचीत के दौरान सुशांत भावुक तो थे लेकिन आत्मविश्वास से भी भरे थे उन्होंने इस बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने काम के बारे में संक्षिप्त जानकारी भी दी. इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी फेसबुक पर पोस्ट कर सुशांत को शुभकामनाएं दी.
(PM Talks to Sushant Uttarakhand)
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