यह तस्वीर पिथौरागढ़ जिला अस्पताल की है. तस्वीर में एक पिता अपने मृत बच्चे को गोद में लेकर जिला अस्पताल पिथौरागढ़ के बाहर बैठा है. आरोप है कि जिला अस्पताल की लापरवाही के चलते बच्चे की मृत्यु हुई है. पहाड़ों में सरकारी अस्पताल और लापरवाही तो जैसे एक दूसरे के पर्याय बन गये हैं. सभी जानते हैं पहाड़ों के सरकारी अस्पताल का अघोषित अर्थ रैफरल सेंटर पहले से ही है.
(Pithoragarh District Hospital Video)
किमी तक पैदल डोली या कुर्सी जैसे जुगाड़ों में बैठकर मरीजों को ले जाने की खबर हो या रास्ते में प्रसव जैसे खबरें तो उत्तराखंड में आम हो गयी हैं. स्थानीय अख़बार उठाकर देख लीजिये हर सप्ताह ऐसी दो से तीन खबरें मिल जायेंगी. स्वास्थ्य संबंधित आंकड़ों में उत्तराखंड की सरकार बाजीगरी दिखाती है लेकिन असल हालात किसी से छुपे नहीं हैं. पिथौरागढ़ जिला अस्पताल का यह वीडियो सरकार के तमाम दावों की पोल खोलता है.
दैनिक जागरण की खबर के अनुसार यह वीडियो बीते शनिवार का है. रिपोर्ट के अनुसार पिता अपने बेटे को गंभीर हालात में बी डी पांडे जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में गया. बच्चे के पिता को इमरजेंसी वार्ड से ओपीडी की लाइन में खड़े होने को कहा गया. लाइन में खड़े रहने के दौरान बच्चे की मौत हो गयी. वीडियो में पिता अपने बेटे को गोद में लेकर अस्पताल के गेट पर सिर झुकाए बैठा है.
(Pithoragarh District Hospital Video)
घटना के संबंध में अस्पताल प्रशासन ने अपने जवाब में कहा है कि बच्चे के उपचार में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती गई. इमरजेंसी वार्ड में जांच की गयी थी बच्चा रक्त संबंधी बीमारी से ग्रस्त था इसी से उसकी मौत हुई.
बी डी पांडे जिला अस्पताल पिथौरागढ़ जिले का मुख्य अस्पताल है. सोशियल मीडिया पर वायरल इस वीडियो पर लोग पहाड़ों में चिकित्सा व्यवस्था को कोस रहे हैं लोगों का कहना है कि अस्पताल पहुंचने के बाद भी मामले की गंभीरता को न समझ पाना अस्पताल की लापरवाही नहीं तो क्या है?
(Pithoragarh District Hospital Video)
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