अरबी की सब्जी का अरब से क्या ताल्लुक है यह तो नहीं पता लेकिन अरबी को उत्तराखण्ड में पिनालू और ककोड़ा कहा जाता है. देश के विभिन्न हिस्सों में इसे घुइयां, अरुई, कोचई, आदि नामों से भी जाना जाता है. अंग्रेजी में इसे ग्रेटलीव्ड कैलेडियम कहते हैं. इसका वैज्ञानिक नाम कोलोकेशिया ऐस्क्युलेन्टा (Colocasia esculenta) है. (Pinalu Arbi Colocasia esculenta)
पिनालू बरसात के तुरंत बाद खाने के लिए तैयार होता है और बसंत की शुरुआत तक आसानी से उपलब्ध होता है. अरबी के पौधे की जड़ों, तने और पत्तियों तीनों का उपयोग यहां सब्जी बनाने के लिए किया जाता है. इसकी जड़ के रूप में पिनालू की सब्जी तो उत्तराखण्ड में लोकप्रिय है ही, इसके तने को काटकर सुखाने के बाद सब्जी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, इसके तने को नौल कहा जाता है. यही नहीं इसकी पत्तियों को गाबा या गाब कहा जाता है और इसकी भी सब्जी बनायी जाती है.
पिनालू की सब्जी पौष्टिकता से भरी है. यह भूख को खोलती है, माताओं के दूध में बढ़ोत्तरी करने वाली है. पिनालू के पिसे पत्तों का लेप ट्यूमर में फायदेमंद है, यह लेप त्वचा के सूखेपन को भी दूर करता है और झुर्रियों से दूर रखता है. पिनालू के पत्तों का रस पित्त दोष को दूर करता है और पेशाब की जलन मिटाता है. आयुर्वेद में पिनालू के कई और भी फायदे बताए गए हैं.
पिनालू की सीरत गर्म मानी जाती है लिहाजा इसका ज्यादा सेवन एसिडिटी को बढ़ा सकता है. इसमें कफ बढ़ाने वाले तत्व भी मौजूद रहते हैं.
पिनालू के गुटके व सब्जी दोनों ही बनाये जाते हैं. पिनालू के गुटके उसी विधि से बनाये जाते हैं जैसे कि आलू के. मडुए की रोटी और हरिया साग गुमनाम क्यों
पिनालू की सब्जी बनाने के लिए उसे छीलकर काटने के बाद धो लिया जाता है या फिर उबालकर छिल लिया जाता है. इसके बाद सरसों का तेल गर्म करके उसमें हींग, मेथी का बघार लगाया जाता है मेथी की जगह आजवाइन भी इस्तेमाल की जा जाती है. इसके बाद स्वादानुसार नामक-मिर्च, धनिया और हल्दी का मसाला भूनकर उसमें उबले या कटे पिनालू डाल दिए जाते हैं. कुछ लोग इसमें प्याज, लहसुन भी डालते हैं. पहले से उबालकर रखा पिनालू कुछ ही देर में पक जाता है और कच्चा कटा बीसेक मिनट का समय लेता है.
प्रयोग के तौर पर आजकल पिनालू की सब्जी में मसाले को फेंटे हुए दही के साथ मिलाकर भी पकाया जाता है. इस तरह सब्जी कई गुना स्वादिष्ट हो जाती है.
पिनालू की सब्जी को अच्छी तरह से पका लेना चाहिए अन्यथा यह सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है. (Pinalu Arbi Colocasia esculenta)
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें
1 Comments
Lovedevbhoomi
Very informative article..thanks for sharing