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होली में पहाड़ी आमाओं का जोश देखने लायक होता है

होली के त्यौहार को कुमाऊँ में अलग अलग अन्दाज़ में मनाया जा रहा है. बैठकी होली का दौर तो चलता ही है, साथ-साथ पुरुषों की खड़ी होली और महिलाओं की खड़ी होली भी पूरे जोश से मनाई जाती है.
(Photos of Holi 2024)

होली का त्यौहार ख़ास महिलाओं के लिए नयी उमंग लेकर आता है. घर के रोज़ के काम करने के बाद भी गाँव में महिलाओं का खड़ी होली के प्रति समर्पण ग़ज़ब का है वो सभी बच्चों को साथ लेकर गाँव और आसपास के गाँव के घरों में भी पूरी परिक्रमा करती हैं.

इस दौरान सभी घरों में झोड़ा, चाँचरी, छपेली और पहाड़ी लोक नृत्य और संगीत का प्रदर्शन होता है. जिस सादगी और ख़ूबसूरती से इन विधाओं को ये महिलाएँ प्रदर्शित करती हैं वो प्रशंसनीय है.
(Photos of Holi 2024)

ख़ासकर एक उम्र जी चुकी पहाड़ी आमाओं का जोश देखने लायक़ होता है. इनके चेहरों में पूरा पहाड़ बसता है और दिखता है. आप भी देखिए. अल्मोड़ा के डोबा और लटवाल गाँव की महिलाओं की खड़ी होली की ताज़ा तस्वीरें.

फोटो एवं विवरण काफल ट्री के अनन्य साथी जयमित्र सिंह बिष्ट, हिमालयन जेफर, की फेसबुक से लिया गया है.
(Photos of Holi 2024)

फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट
फोटो – जयमित्र सिंह बिष्ट

जयमित्र सिंह बिष्ट

अल्मोड़ा के जयमित्र बेहतरीन फोटोग्राफर होने के साथ साथ तमाम तरह की एडवेंचर गतिविधियों में मुब्तिला रहते हैं. उनका प्रतिष्ठान अल्मोड़ा किताबघर शहर के बुद्धिजीवियों का प्रिय अड्डा है. काफल ट्री के अन्तरंग सहयोगी.

इसे भी पढ़ें: कुमाऊँ का एक अनछुआ ट्रेक भटकोट : फोटो निबंध

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