पिछले अठारह बरस में उत्तराखंड को जवान होना चाहिये था जबकि स्थिति हम सब जानते हैं. पहाड़ में पैदा होने के बाद से ही कठिन भौगोलिक चुनौतियां आपके जीवन का हिस्सा बन जाती हैं.
उत्तराखंड समेत हिमालय के लोगों की एक प्रमुख विशेषता यह रही है कि इन लोगों ने चुनौतियों से दोस्ती कर ली है. जो एक आम आदमी के लिये परेशानी हो सकती है वह उनकी जिन्दगी का एक हिस्सा है जिसकी जरा सी शिकायत उन्हें नहीं है.
हमेशा खिले हुये उनके चेहरे हमेशा प्रेरणा के स्त्रोत होते हैं. देखिये पहाड़ के जीवन को बयान करती अमित साह की तस्वीरें : संपादक

वाण गाँव के बच्चे

बर्फ में सैर
लीती, बागेश्वर

पिंडारी ग्लेशियर की जाते हुए आखरी गाँव खाती से पहले आती महिलायें

आमा और नातिन
लीती, बागेश्वर

आमा की घर वापसी
मुनस्यारी

लीती, बागेश्वर

पिंडर नदी पार करते घोड़े वाले

जाटौली गांव की माँ बेटी

माँ औंर बेटी
घनसाली के पास

घास लाती महिला थोड़ा सुस्ताते हुए
रुद्रप्रयाग जिला

खेलते बच्चे
बेतालघाट के पास

लकड़ी लाती महिला
पंचाचूली ग्लेशियर के पास

आमा
लीती

भाई बहन
घनसाली के पास

इंतज़ार करती आमा
जागेश्वर के पास कहीं
फोटोग्राफर अमित साह ने बीते कुछ वर्षों में अपने लिए एक अलग जगह बनाई है. नैनीताल के ही सीआरएसटी इंटर कॉलेज और उसके बाद डीएसबी कैंपस से अपनी पढ़ाई पूरी करते हुए अमित ने बी. कॉम. और एम.ए. की डिग्रियां हासिल कीं. फोटोग्राफी करते हुए उन्हें अभी कोई पांच साल ही बीते हैं.
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1 Comments
गोपेन्द्र गंगवार
माँ माटी मानुष सब मातृ शक्ति पर टिके हैं पहाड़ पर