महाकाली और सरयू के संगम पर बसा पंचेश्वर पिछले लम्बे समय से खबरों में है. एक विशाल समाज और हजारों वर्ष पुराने धरोहर के बावजूद आज महाकाली और सरयू का संगम पंचेश्वर बांध के कारण ख़बरों का हिस्सा बना हुआ है. महाकाली संधि के तहत भारत और नेपाल सरकार के सहयोग से बनने वाला यह बांध भारत का सबसे बड़ा बाँध होगा. सरकार का दावा है कि सब कुछ डूबने के बाद वह पर्यटकों को सबमरीन से इस क्षेत्र की धरोहर और संस्कृति को दिखायेगी. प्रो. मृगेश पाण्डे ने बांध से प्रभावित होने वाले सभी क्षेत्रों की यह तस्वीरें तीन साल पहले ली हैं. अपनी तस्वीरों में प्रो. मृगेश पाण्डे पंचेश्वर बांध से प्रभावित होने वाले इन क्षेत्रों के माध्यम से पंचेश्वर जलागम का धुंधला भविष्य दिखा रहे हैं- सम्पादक
ग्राम निसनी – ऐसे हैं हम यहाँ
जीवन भर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुल महाविद्यालयों में अर्थशास्त्र की प्राध्यापकी करते रहे प्रोफेसर मृगेश पाण्डे फिलहाल सेवानिवृत्ति के उपरान्त हल्द्वानी में रहते हैं. अर्थशास्त्र के अतिरिक्त फोटोग्राफी, साहसिक पर्यटन, भाषा-साहित्य, रंगमंच, सिनेमा, इतिहास और लोक पर विषदअधिकार रखने वाले मृगेश पाण्डे काफल ट्री के लिए नियमित लेखन करेंगे.
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2 Comments
Anonymous
आपके चित्रों के द्वारा जो पंचेश्वर घाटी व् आसपास के क्षेत्र को दर्शाया है ,वो वाकई अनुकरणीय व् हकीकत के नजदीक है.मै वही तल्ली पंथ्यूडा का रहने वाला हूं व् मेरा पूरा परिवार अब भी वही रहता है.मै भी आपके काफल ट्री से जुड़ना चाहता हो, कैसे बताएं.
भवदीय
परम पंत (parmanand)
मीडियाप्रभारी रायपुर विधान सभा देहरादून व् टेहरी लोकसभा सोशल मीडिया सहसंयोजक
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Whts up 9411169089
Anonymous
महोदय
आपके चित्रों के द्वारा जो पंचेश्वर घाटी व् आसपास के क्षेत्र को दर्शाया है ,वो वाकई अनुकरणीय व् हकीकत के नजदीक है.मै वही रौतगड़ा तड़ैमिया ग्राम सभा का रहने वाला हूं व् मेरा पूरा परिवार अब भी वही रहता है.मै भी आपके काफल ट्री से जुड़ना चाहता हो, कैसे बताएं।
धन्यवाद्
भवदीय
राज चन्द राजा
S/O श्री-नारायन चन्द राजा
मोबाईल नम्बर-+91-9458514760