पाब्लो की नजर एटलेटिको नैसिओनेल पर पड़ चुकी थी और उसने क्लब में पैसे लगाने शुरू कर दिए। क्लब में पैसे लगाने के पीछे पाब्लो या रोबर्टो का मकसद कोई समाजसेवा नहीं था. इसके जरिए वे अपने काले धन को सफेद कर रहे थे. क्लब से जुड़ने के बाद वे असली कमाई को कई गुना बढ़ा-चढ़ाकर दिखा सकते थे. कई मिलियन का हेरफेर कर तुरंत प्रभाव से अपनी काली कमाई को सफेद करने के आइडिया के साथ एस्कोबार बंधु नैसिओनल से जुड़ गए.
प्लेयर्स के ट्रांसफर्स के जरिए भी इसमें पैसे सफेद किए जा सकते थे मतलब सीधा था कि यह पाब्लो के लिए बहुत बड़ी वॉशिंग मशीन जैसा था जिसमें वह कम से कम अपने पैसों पर लगा हर दाग तो मिटा ही सकता था.
अब आपको लग रहा होगा कि इतना बड़ा घोषित अपराधी कैसे किसी क्लब से जुड़ सकता है तो मित्रों पाब्लो बंधु इतने बेवकूफ नहीं थे कि क्लब में सीधे तौर पर कोई पोजिशन लें. पाब्लो बंधु सीधे तौर पर क्लब से नहीं जुड़े लेकिन ‘क्लब उनका है’ यह बात उतनी ही सीक्रेट थी जितनी मोटा भाई की सरकार का संतरों के शहर से चलना.
1987 से 90 तक क्लब के मैनेजर रहे फ्रांसिस्को पाचो मटुराना ने एक मशहूर डॉक्यूमेंट्री में कहा था, ‘फुटबॉल में ड्रग्स के पैसे की आवक ने महान विदेशी प्लेयर्स को साइन करने में हमारी काफी मदद की. यह पैसा हमारे बेस्ट प्लेयर्स को रोकने में भी हमारे काफी काम आया. हमारा लेवल उठने लगा. इसे देखकर लोगों ने कहा कि इसमें पाब्लो की मिलीभगत है लेकिन कोई इस बात को साबित नहीं कर पाया’.
एस्कोबार सिर्फ एक क्लब के साथ नहीं रुका. उसने नैसिओनल के सिटी राइवल्स (जैसे मैनचेस्टर यूनाइटेड का सिटी और रियल मैड्रिड का एटलेटिको मैड्रिड) डेपोर्टिवो इंडेपेंडिएंटे मेडेइन (DIM) में भी पैसे लगाए. पाब्लो इन दोनों टीम्स के होम गेम्स में बराबर स्टैंड्स में दिखता था. मजेदार बात यह है कि ये दोनों इटली के मशहूर क्लबों इंटर और AC मिलान की तरह एक ही स्टेडियम में अपने होम गेम खेलती हैं.
पाब्लो के आइडिया से प्रेरित होकर उनके साथी होजे गाचा (द मैक्सिकन) ने भी फुटबॉल में पैसे लगाना शुरू किया. गाचा ने कोलंबिया की राजधानी बोगोता के क्लब मिलिओनारिओस में पैसे लगाए. पाब्लो एंड कंपनी की देखादेखी पाब्लो के दुश्मन और काली कार्टेल के चीफ मिगुएल रॉड्रिगेज़ ओरेहुएला ने क्लब अमेरिका डे काली की जेबें भर दीं.
कोलंबिया में नार्को फुटबॉल शुरू हो चुकी थी.
मेडेइन के दोनों बड़े क्लबों का बाप बन चुके पाब्लो ने फैंटेसी फुटबॉल (ड्रीम XI जैसी) को एक नए लेवल पर पहुंचा दिया. पाब्लो लगातार अंतराल पर अपने घर में पाब्लो XI बनाम एल मैक्सिकन (गाचा की टीम) XI का मैच कराता. पाब्लो के भाई हाइमे गवीरिया के मुताबिक, ‘वे फ्रेंडली मैच होते थे. पाब्लो कहता था कि अपनी ड्रीम टीम चुनो और हम उन्हें रैंच (फार्महाउस काइंड ऑफ) पर ले चलेंगे और फिर वहां शर्त लगेगी’.
इसके लिए प्लेयर्स को मोटी रकम मिलती और कार्टेल आपस में मिलियंस की शर्त लगाती, जीतती और हारती. कुछ प्लेयर्स ऐसे भी थे जिन्हें ऐसे मैचों में खेलना और अपनी सैलरी के सोर्स नहीं पसंद थे लेकिन एल पात्रॉन को मना कौन करे? नैसिओनल के आंद्रेस एस्कोबार (94 वर्ल्ड कप के बाद जान गंवाने वाले) ऐसे प्लेयर्स में प्रमुख थे.पाब्लो एमिलियो एस्कोबार गवीरिया, डिएगो अरमांडो माराडोना और कोलंबियन फुटबॉल- भाग-2 हालांकि ज्यादातर प्लेयर्स ऐसे थे जो इन सबके बारे में ज्यादा नहीं सोचते थे.
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