मूल रूप से उत्तराखण्ड के बागेश्वर के रहने वाले रोहित आर्या उत्तराखण्ड के उन युवा गायकों में शामिल हैं जो गायकी में अपना भविष्य बनाने के लिए हाथ आजमा रहे हैं. रोहित के पिता आर्मी में हैं तो स्कूली पढाई-लिखाई शिलॉंग से हुई और उच्च शिक्षा कुमाऊं विश्वविद्यालय से.
10 बरस की उम्र में रोहित को गायकी की लगन लगी. सोनू निगम को अपना आदर्श मानकर संगीत साधना शुरू की. स्कूल-कॉलेज के दिनों में स्टेज शो किये और कुछ रॉक बैंड्स के साथ भी गाया. लेकिन देहरादून से पोस्ट ग्रेजुएशन करने तक भी उनका सिंगिंग में बहुत गहरे डूबने का कोई इरादा नहीं था. सो पढ़ाई पूरी करने के बाद जॉब करने लगे लेकिन मामला कुछ जमा नहीं. तब निकल पड़े संगीत की दुनिया में ही कुछ कर गुजरने का इरादा लिए.
साल 2018 में उनका पहला गाना आया ‘तेरी याद’ जिसे दर्शकों, श्रोताओं का खूब प्यार मिला. इसे यू ट्यूब में 5 लाख से ज्यादा बार देखा गया.
हाल ही में रोहित का दूसरा गान आया है ‘गलियां पहाड़ों की’ इस गाने में बच्चे और मां के बीच के रिश्ते को दिखाने की छोटी सी कोशिश की गयी है. गाने की पृष्ठभूमि पहाड़ की है और पहाड़ से रोजी-रोटी की तलाश में मैदानों पर निकल गए युवाओं के मन को छूने की भी कोशिश है. गाना सुनकर प्रवासी उत्तराखंडियों का दिल पहाड़ लौट आने को खदबदाने लगता है. दूर दोनों ही गाने उत्तराखण्ड में ही शूट और रिकॉर्ड हुए हैं.
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