नयी शिक्षा नीति 2020 की प्राथमिकताएं और विजन की दृष्टि से पहली शिक्षा नीति (1968) जिसमें केवल 14 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों की शिक्षा को अनिवार्य बनाने पर केंद्रित था. जबकि 1986 में लागू हुई दूसरी शिक्षा नीति में बच्चों की पढ़ाई के साथ- साथ विभिन्न मोर्चों पर समानता पर जोर था. 1991 के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में उदारीकरण और वैश्वीकरण की बयार शुरू होने के बाद यह पक्ष स्वत: महत्वपूर्ण हो जाता है.इन प्रमुख बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए ही इसरो के पूर्व प्रमुख डॉ. के. कस्तूरीरंगन ने शिक्षानीति 2020 का प्रारूप तैयार किया है. New Education Policy Santosh Kumar Tiwari
जानकारों का मानना है कि पिछली दोनों नीतियों की तुलना में इस नयी नीति में तीन प्रमुख अंतर हैं. पहला,
सामाजिक विजन, दूसरा सामाजिक उद्देश्य और तीसरा है शिक्षा का उद्देश्य, विषय-चयन, स्कूलों में साफ्टवेयर प्रशिक्षण, क्रेडिट ट्रांसफर और मल्टीपल एंट्री आदि.
समूचे शिक्षा क्षेत्र को समावेशी बनाने की महायोजना के प्रमुख अंग होंगे. जिससे ज्ञान के साथ ही साथ आर्थिक उपार्जन के क्षेत्र भी खुलेंगे. आज कौशल आधारित शिक्षा की बहुत जरूरत है. इस नीति में स्कूली पाठ्यक्रम रटंत न होकर विश्लेषणात्मक समझ पर केंद्रित है.जिसका लक्ष्य ही है भारतीय प्रतिभा और संसाधन को उत्कृष्ट बनाना.
देश भर के छात्रों के बीच हुए ऑनलाइन सर्वे में करीब 96.4% छात्रों ने नयी नीति के परिणामों को लेकर उत्साहजनक उम्मीद है. चूँकि शिक्षा भारतीय संविधान में सातवीं अनुसूची की समवर्ती सूची में है, इसलिए केंद्र और राज्य को साथ मिलकर ही काम करके सार्थक नतीजे पर पहुँचने का सार्थक प्रयास करना है. New Education Policy Santosh Kumar Tiwari
नयी शिक्षा नीति में 5+3+3+4 के फार्मूले का आशय समझना होगा.चूंकि बच्चा अब 6 साल के बजाय 3 साल की अवस्था से फार्मल स्कूल जाने लगेगा. तीन वर्ष की उम्र में प्रीस्कूल, चार वर्ष में कक्षा एकऔर पाँचवें वर्ष में कक्षा दो में होगा.+3 का मतलब है कक्षा तीन, चार और पाँच. दूसरे तीन का मतलब छह , सात और आठ से है. और +4 का मतलब कक्षा नौ,दस ,ग्यारह और बारहवीं से है.यानी प्ले स्कूल के शुरुआती एक साल भी अब स्कूली शिक्षा में जुड़ेंगे. पहले 6 से 14 साल के बच्चों के लिए आरटीआई लागू था, अब उसे 3 से 18 साल तक के बच्चे इस परिधि में आ गये.यह सरकारी और प्राइवेट सभी स्कूलों पर लागू होगा. नयी शिक्षा में प्राथमिक स्तर पर
सबसे खास बात है त्रिभाषा फार्मूला. बच्चा अब कक्षा पाँच तक मातृभाषा(स्थानीय भाषा) संभव हो तो कक्षा आठ तक यह प्रक्रिया अपनाई जाये. सरकार ने बेहतर परिणाम के लिए जेडीपी का 6% शिक्षा पर रखा है, जो अभी तक 4.43%था.
अब चर्चा इस नीति के उल्लेखनीय परिणामोंं की प्राप्ति के संबंध में हो जानी चाहिये.इसके लिए कुछ खास सुझाव अपेक्षित हैं –
1: शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को बहुत पारदर्शी बनाने की जरूरत है. इसमें काम चलाऊ तरीके से ब्लाक या जनपद स्तर पर चयन नाकाफी होगा.
2: अध्यापकों की वेतन विसंगतियों का यथाशीघ्र समाधान हो तथा पुरानी पेंशन से सभी नये अध्यापक आच्छादित हों.
3: एक निश्चित समयसीमा में प्राथमिक से माध्यमिक अध्यापकों का स्थानान्तरण
सुनिश्चित किया जाये, जिससे उनमें किसी तरह का आक्रोश न पनप सके.
4: प्रत्येक ब्लाक में अधिकतम छात्रसंख्या के क्रम में चार इंटर कॉलेजों में व्यावसायिक शिक्षा को सम्मिलित किया जाये.
5 : मासिक टेस्ट को गंभीरता से लिया जाये. उसका स्कूल स्तर से बने. उसके मूल्यांकन को परीक्षा अभिलेखों में महत्व दिया जाये.
6 : प्रधानाचार्य का पद अकेडमिक घोषित किया जाये. प्रत्येक इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य और उप प्रधानाचार्य की तैनाती सुनिश्चित की जाये.
7 : मध्याह्न भोजन का संचालन कार्यालय करे. भोजन पौष्टिक एवं कैलोरी युक्त हो.
8 : शैक्षिक वार्षिक कैलेंडर में प्रशिक्षणों का विधिवत् उल्लेख हो. फरवरी में प्रशिक्षण औचित्यहीन है.
9 : अध्यापकों को चुनाव ड्यूटी के अलावा किसी अन्य कामों मे न लगाया जाये.
इन खास सुझावों पर अमल के साथ यह भी गौर किया जाये कि उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य है . यहाँ की भोगोलिक एवं पर्यावरणीय तथा पारिस्थितकी का अध्ययन करते हुए नयी शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन किया जाना चाहिये. New Education Policy Santosh Kumar Tiwari
–सन्तोष कुमार तिवारी
यह भी पढ़ें: लॉकडाउन में कहीं आपकी सकारात्मकता दांव पर न लग जाये
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें: Kafal Tree Online
इसके लेख के लेखक संतोषकुमार तिवारी 15 वर्षों से अध्यापन से जुड़े हैं. शिक्षा संबंधी विभिन्न एनजीओ से आप जुड़े हैं.ज़मीनी स्तर से काम का अनुभव है. आप राइका ढिकुली नैनीताल में प्रवक्ता हैं. रामनगर में निवास है. mob..09411759081. [email protected] पर अपनी बात साझा कर सकते हैं.
काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री
काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें