डाॅ. गौरव जोशी
हल्द्वानी में रहने वाले लेखक निवेशक व डेंटिस्ट हैं.
आप भले ही 10 हजार रुपये कमाते हैं या फिर 10 लाख रुपये महीना. आपकी क्वालिटी लाइफ के लिए यह वेतन कोई मायने नहीं रखता है. हर किसी के मन में एक ही सवाल रहता है, हम जितना ज्यादा कमाते हैं, फिर भी बचाता नहीं. और हमें पता ही नहीं कि कितना पैसा कमा लें कि हैप्पी व हेल्दी लाइफ जी सकें.
इस समस्या का सबसे बड़ा कारण है स्कूल सिस्टम में फाइनेंसियल एजुकेशन की कमी. परिवार में भी हमें यह ज्ञान नहीं हो पाता है. आइए जानते हैं. इस समस्या के छह समाधान, जो आपकी दिशा ही नहीं बल्कि दशा भी बदल देगा.
1. ऐसी संपत्ति मे निवेश करें, जो आपको हर महीने पैसा कमा कर दे :
इस तरह की संपत्ति में आपको कुल आय का 10 प्रतिशत ही निवेश करना है। जैसे, कंपनी के शेयर खरीदना, किराए में लगाने वाली प्राॅपर्टी, छोटे-छोटे बिजनेस जो आपकी मौजूदगी के बिना ही चल सकें.
2. सेविंग एकाउंट :
अपनी पूरी कमाई के 10 प्रतिशत सेविंग एकाउंट में जमा करें. इसे आप बैंक में जमा कर सकते हैं. अगर बड़ी चीज खरीदनी है, जैसे, मकान, कार, बड़ा टीवी, विदेशी टूर, तो यह तय करें कि इसकी ईएमआइ 10 प्रतिशत बचत पर ही निर्भर होनी चाहिए. अपनी सैलरी या इनकम का 10 गुना पहले इमरजेंसी के लिए बचा लें, फिर बड़ी खरीद या छुटटी की प्लानिंग करें.
3. जरूरी खर्चा :
अपनी कमाई का 55 प्रतिशत पैसों से जरूरी खर्चे पूरी करें. जैसे, खाना, किराया, पेट्रोल, बिजली-पानी का बिल, मोबाइल, टीवी, स्कूल की फीस, कपड़े आदि. अगर आपके खर्चे 55 प्रतिशत सैलरी में भी पूरे नही हो पा रहे हैं, तो यह गंभीर विषय हैं. फिर या तो आपको अपने खर्चे कम करने पड़ेंगे या फिर अधिक कमाई वाली जाॅब की तलाश करनी होगी. अगर खर्चे ज्यादा हैं, तो कम किराए के मकान में शिफ्ट हो जाएं, बच्चों का महंगा स्कूल चेंज कर लें.
4. एजुकेशन एकाउंट :
व्यक्ति की कमाई उसकी शिक्षा के हिसाब से बढ़ती रहती है. हम अक्सर मान लेते हैं कि नौकरी लगने के बाद शिक्षा की जरूरत नहीं रह गई है. जबकि, हर व्यक्ति को अपनी कमाई का 10 प्रतिशत बजट नई किताबें खरीदने, अपनी स्पेसिलिटी के लिए सेमिनार में शामिल होने में खर्च करें. समझ लो, अगर आप बढ़ नहीं रहे हैं तो मर रहे हैं.
5. पैसों का मजा लें :
जिंदगी में मौज करने के लिए आप अपनी आमदनी का 10 प्रतिशत पैसा उड़ाएं. इस पैसे को खर्च करते समय सोचें नहीं. कहां उड़ाना है, यह भी पता होना चाहिए, जैसे, मूवी देखना, दोस्तों के साथ घूमना, पार्टी करना, रिश्तेदारों को उपहार देना आदि. ऐसा इसलिए कि आप खुश रहेंगे, तभी स्वस्थ रहेंगे.
6. हेल्प एकाउंट :
हम एक सामाजिक प्राणी है. इसलिए हमेशा हमें असहाय लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहिए. अगर किसी की दिल से निस्वार्थ भाव से मदद की जाए, तो मन को सुकून मिलता है. इसलिए आप अपनी कमाई का पांच प्रतिशत बजट को किसी की मदद में लगाएं. हां, ध्यान रखें इस बजट को अपने पर खर्च कतई न करें. कोई बीमार है तो उसे दें, फिर उससे पैसे वापस लेने की उम्मीद न रखें.
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