अगर स्वामी विवेकानंद के बाद दुनिया का कोई ऐसा शख्स है, जो युवाओं को सबसे ज्यादा प्रेरित करता है, तो वह निस्संदेह ब्रूस ली है. ब्रूस ली ने हर काम को उसे किए जाने के परफेक्शन से भी ज्यादा परफेक्ट तरीके से किया. ब्रूस ली का जन्म 1940 में हुआ और मृत्यु 1973 में. लेकिन मात्र 33 वर्ष के जीवन में वह इतना कुछ और ऐसा कुछ कर गए, जो दूसरों के लिए शायद सौ वर्ष की उम्र पाकर भी करना असंभव साबित हो.
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ब्रूस ली मार्शल आर्ट के गजब के उस्ताद थे. वह अभिनेता थे, फिल्म निर्देशक थे, लेकिन इन सबसे ज्यादा वह एक दार्शनिक थे. उनका यह कहना था कि हमें आसान जीवन की प्रार्थना नहीं करनी चाहिए, बल्कि एक मुश्किल जीवन को आसानी से जी पाने की सामर्थ्य पाने की प्रार्थना करनी चाहिए. एक इंटरव्यू में उन्होंने लोगों को पानी की तरह बनने की हिदायत दी. पानी की ताकत के बारे में उनका कहना था कि वह बड़े-बड़े बांध भी तोड़ देता है. उसे कितना भी घेर लिया जाए, पर उसे रोका नहीं जा सकता. वह आकारहीन होता है, रूपहीन. उसका कोई अहंकार नहीं. ब्रूस ली ने अपना जीवन भी कुछ इसी तरह जिया. यहां पढ़िए उनके बहुत ही लोकप्रिय 20 वचन, जो आपके जीवन को सिर के बल घुमा देंगे.
1. अगर तुम किसी चीज के बारे में बहुत ज्यादा सोचोगे, तो उसे कभी पूरा न कर पाओगे.
2. मैं इस दुनिया में तुम्हारी उम्मीदों के मुताबिक जीने नहीं आया हूं और न ही तुम यहां मेरी उम्मीदों के मुताबिक जीने आए हो.
3. एक आसान जिंदगी के लिए प्रार्थना मत करो, एक मुश्किल जिंदगी जीने की शक्ति के लिए प्रार्थना करो.
4. जो उपयोगी है, उसे सोख लो. जो बेकार है, उसे छोड़ दो. उसे जोड़ो, जो सिर्फ तुम्हारा अपना है.
5. गलतियों को हमेशा माफ किया जा सकता है, बशर्ते कि तुममें उन्हें स्वीकार करने का साहस हो.
6. परिस्थितियां भाड़ में जाएं, मैं अवसर पैदा करता हूं.
7. असली जीना दूसरों के लिए जीना है.
8. हम चीजों की जितनी ज्यादा कद्र करते हैं, अपनी कद्र उतनी ही कम करते हैं.
9. मैं उस बंदे से नहीं डरता, जिसने एक बार में 10,000 किक मारने का अभ्यास किया हो. लेकिन मैं उस बंदे से जरूर डरता हूं, जिसने एक किक को 10,000 बार मारने का अभ्यास किया हो.
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10. अगर तुम जिंदगी से प्यार करते हो, तो समय बर्बाद मत करो. दरअसल जिंदगी समय की ही बनी होती है.
11. शान के लिए दिखावा मूर्ख ही करते हैं.
12. जिंदगी की लड़ाई ज्यादा ताकतवर या ज्यादा तेज नहीं जीतता. लेकिन अंतत: जो जीतता है, वह वही आदमी होता है, जिसने सोचा होता है कि वह जीत सकता है.
13. सफल योद्धा सामान्य आदमी ही होता है, मगर लेजर जैसे फोकस के साथ.
14. जानना ही काफी नहीं, हमें उसे अपनाना चाहिए. चाहना ही काफी नहीं, हमें उसे करके दिखाना चाहिए.
15. अफरातफरी के बीच में ही अवसर रहते हैं.
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16. दूसरों की आलोचना करके उन्हें हतोत्साहित करना आसान है, लेकिन खुद को ठीक से जानने में पूरी उम्र लग जाती है.
17. प्रसन्न रहो, पर कभी संतुष्ट नहीं.
18. हमेशा जो हो, वही रहो. खुद को ही व्यक्त करो, खुद पर भरोसा रखो. सफल लोगों के पीछे मत भागो, उनकी नकल मत करो.
19. अमर होने की कुंजी इसमें है कि पहले हम याद किए जाने लायक जीवन जिएं.
20. तुम्हें निराकार होना चाहिए, बिना रूप का. पानी जैसा. जब तुम एक कप में पानी डालते हो, तो वह कप का रूप ले लेता है. जब तुम एक बोतल में पानी डालते हो, तो वह बोतल का रूप ले लेता है. चाय के बर्तन में वह चाय का बर्तन बन जाता है. पानी बूंद-बूंद करके चू भी सकता है और तोड़-फोड़ भी मचा सकता है. पानी जैसे बनो मेरे दोस्त.
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-सुंदर चंद ठाकुर
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कवि, पत्रकार, सम्पादक और उपन्यासकार सुन्दर चन्द ठाकुर सम्प्रति नवभारत टाइम्स के मुम्बई संस्करण के सम्पादक हैं. उनका एक उपन्यास और दो कविता संग्रह प्रकाशित हैं. मीडिया में जुड़ने से पहले सुन्दर भारतीय सेना में अफसर थे. सुन्दर ने कोई साल भर तक काफल ट्री के लिए अपने बचपन के एक्सक्लूसिव संस्मरण लिखे थे जिन्हें पाठकों की बहुत सराहना मिली थी.
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