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1 Comments

  1. हरिहर लाेहुमी

    हमेशा की तरह जीवन के नये-नये अनुभवाे व घटनाआें रूवरू करता पूरा लेख दाे बार पढ़ा। परिजनाें से विछुड़ने में दिल काे गहरे तक सालने वाली घड़ी , सहकर्मियाे का निंदनीय व्यवहार, कंकरीट के जंगल में भी अकेलेपन के गहरे अहसास के बीच संकल्प शक्ति व परिस्थितियाें से दाे-दाे हाथ करने का माद्दा आपकाे निरंतर आपने मार्ग पर आगे बढ़ने की राह दिखाता रहा है। इसी अद्भुत आत्मशक्ति ने आपकाे यहां पहुंचाया है। अभी कई मंजिलें जाे पलक पावड़े बिछा कर आपकी राह देख रही हैं।

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