पेरिस ओलम्पिक में लक्ष्य सेन ने प्री क्वाटर फाइनल मुकाबला जीत लिया. प्री क्वाटर फाइनल में लक्ष्य सेन का मुकाबला भारत के ही एचएस प्रणय को हराया. लक्ष्य ने प्रणय के खिलाफ 21-12 और 21-6 से जीत दर्ज की. इससे पहले लक्ष्य ने जानथन क्रिस्टी को क्रिस्टी को 21-12 और 21-18 से हराकर प्री क्वाटर फाइनल में अपनी जगह पक्की की थी.
(Lakshya Sen Olympic Quarter final)
ओलंपिक के बैडमिंटन एकल पुरुष क्वार्टर फाइनल में पहुंचने वाले लक्ष्य तीसरे भारतीय बने. ओलंपिक इतिहास में यह पहला मौका था जब बैडमिंटन में भारत के खिलाड़ी आमने सामने आए.
लक्ष्य सेन मूल रूप से अल्मोड़ा जिले की सोमेश्वर तहसील के रस्यारा गाँव के हैं. अल्मोड़ा के तिलकपुर मोहल्ले में स्थित उनके घर में बना बैडमिन्टन का कोर्ट लक्ष्य सेन के दादाजी द्वारा ने ही बनाया. इसी बैडमिन्टन कोर्ट में दिन-रात मेहनत कर लक्ष्य सेन ने आज यह मुकाम हासिल किया है.
(Lakshya Sen Olympic Quarter final)
लक्ष्य सेन के पिता धीरेन्द्र सेन और दादाजी चन्द्रलाल सेन दोनों ही ख्याति प्राप्त बैडमिन्टन खिलाड़ी रह चुके हैं. चन्द्रलाल सेन के विषय में एक लम्बा आलेख यहां पढ़िये: चन्द्रलाल सेन जिनके पोते आज विश्व चैम्पियन हैं
लक्ष्य सेन ने 10 साल की उम्र में पहला अन्तराष्ट्रीय खिताब अपने नाम कर लिया था. सिंगापुर इंटरनेशनल 2011, अंडर 11 उनका पहला अन्तराष्ट्रीय खिताब था. लक्ष्य सेन के नाम अनेक बड़े कारनामे रहे हैं जिनके चलते अल्मोड़ा जैसे छोटे से नगर अक्सर राष्ट्रीय सुर्ख़ियों में बना रहता है.
(Lakshya Sen Olympic Quarter final)
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