दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार बेगूसराय से भाकपा के उम्मीदवार के तौर पर महागठबंधन राजद, कांग्रेस, हम और राकांप: के सहयोग से 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ेंगे.
सूत्रों के मुताबिक आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी प्रसाद यादव जो बैकफुट से बिहार में महागठबंधन को लीड कर रहे हैं. कन्हैया कुमार को टिकट को राजी हैं. राजद प्रमुख लालू प्रसाद के भी इस संबंध में अपनी सहमति दिए जाने की चर्चा है. सियासी हलकों में खबर है कि वह एक सीट कन्हैया कुमार के लिए छोड़ देने को लेकर राजी है.
कन्हैया मूल रूप से बेगूसराय के बरौनी प्रखंड स्थित बीहट पंचायत के निवासी हैं. बीहट पंचायत को इलाके में मिनी मॉस्को के तौर पर भी जाना जाता है. बेगूसराय से वर्तमान में भाजपा के भोला सिंह सांसद हैं. भाजपा ने यह सीट 2014 चुनाव में राजद उम्मीदवार तनवीर हसन को 58000 वोटों से हराकर पहली बात जीती थी. तीसरे स्थान पर भाकपा के राजेंद्र प्रसाद सिंह थे.
ग़ौरतलब है कि दिल्ली के जेएनयू में नौ फरवरी 2016 को हुए प्रदर्शन और विवाद के बाद छात्रसंघ के तत्कालीन अध्यक्ष कन्हैया कुमार चर्चा में आये थे. तब कुमार को पुलिस ने गिरफ़्तार कर 15 दिन जेल में भेज दिया था, जिसके बाद उन्हें ज़मानत मिली थी. कथित देश विरोधी नारेबाज़ी करने के मामले में पुलिस को कुमार के ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं मिला और उन्हें क्लीनचिट भी दे दी गई थी.
कन्हैया का इस सीट से लड़ना तय माना जा रहा है लेकिन इसकी औपचारिक घोषणा होना बाकी है. वामपंथियों के गढ़ कहे जाने वाले इस सीट से अगर महागठबंधन कन्हैया को मौका देता है तो निश्चित तौर पर इस सीट से चुनावी जंग बड़ी रोचक होगी.
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