प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी 15 जून को आध्यात्मिक कैंची धाम महोत्सव की तैयारी अंतिम दौर में है. देश-विदेश से बाबा नीम करोली के अनुयायियों ने कैंची धाम पहुंचना शुरू कर दिया है. कैंची धाम महोत्सव 1962 से प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है.
बाबा नीम करोली ने ही कैंची धाम की स्थापना कर इस महोत्सव की शुरुआत की थी. मंदिर में 12 और 13 जून को अखण्ड रामयाण का आयोजन हुआ. आज मंदिर में भव्य हवन जरी है. मुख्य मेला 15 जून को आयोजित किया जा रहा है.
कैंची धाम महोत्सव में 15 जून को प्रतिवर्ष भंडारा लगता है. भंडारे में पकवान के रूप में मालपुए का विशेष महत्व है. कैंची धाम में मथुरा, हसनपुर आदि क्षेत्रों से करीब विशेषज्ञ कारीगरों ने मालपुए बनाने शुरू कर दिये. पिछले वर्ष जहां मालपुए बनाने के लिये छः भट्टियां लगी थी वहीं इस वर्ष अनुयायियों की बड़ी संख्या को देखकर नौ भट्टियां लगायी गयी हैं.
प्रशासन भी कैंची धाम महोत्सव को लेकर पूरी तैयारी कर चुका है. परिवहन विभाग ने इस वर्ष कैंची धाम महोत्सव के लिये दस बसें चला रहा है.
कैंची धाम मेले की पिछले कुछ सालों की तस्वीरें देखिये (सभी तस्वीरें नैनीताल के रहने वाले अमित साह ने खिंची हैं) :
हल्द्वानी से अल्मोड़ा पिथौरागढ़ को जाने वाले भारी वाहन, यात्री व निजी गाडिय़ां प्रात: पांच बजे से खुटानी मोड़, पदमपुरी, पोखराड़, कशियालेख, शीतला, मौना, ल्वेशाल होते हुए क्वारब से अल्मोड़ा पहुंचेंगे. नैनीताल से पहाड़ को जाने वाले वाहनों का भी रूट यही रहेगा.
अल्मोड़ा, बागेश्वर व पिथौरागढ़ से हल्द्वानी जाने वाले सभी वाहन प्रात: पांच बजे से वाया क्वारब मौना होते हुए खुटानी होकर गुजरेंगे.
रानीखेत से आने वाले वाहन भी खैरना क्वारब होते हुए खुटानी निकलेंगे. रानीखेत से हल्द्वानी व हल्द्वानी से रानीखेत जाने वाले वाहन दोनों ओर कानवाई में एकल मार्ग पर भेजा जाएगा.
नैनीताल से आने वाले दुपहिया वाहनों को मशरुम केंद्र निकट पेट्रोल पंप भवाली पर पार्क किया जाएगा. यहां से जंगलात खंडहर तक शटल सेवा संचालित की जायेंगी. इसमें दोपहिया वाहन आवागमन करेंगे.
भवाली से कैंची धाम की ओर जाने वाले निजी वाहन हरतपा रोड पर पार्क होंगे. इसीतरह खैरना की ओर आने वाले प्राइवेट वाहन पनीराम ढाबे तक ही जा पायेंगे.
-काफल ट्री डेस्क
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