Featured

भगवान शिव और माता पार्वती के निवास कैलाश-मानसरोवर के कुछ अप्रतिम दृश्य

इन दिनों भारत सरकार द्वारा संचालित की जाने वाली बहु-प्रतीक्षित कैलाश- मानसरोवर यात्रा चल रही है. दिल्ली से शुरू होने वाली इस मुश्किल यात्रा में सीमित संख्या में यात्रियों का चयन किया जाता है. (Kailash Mansarovar Rare Photos)

यह यात्रा दिल्ली से अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ होती हुई धारचूला पहुँचती है. धारचूला से तवाघाट तक गाड़ी से जाने बाद काली नदी से लगी हुई व्यांस घाटी के गाँवों से होती हुई यह यात्रा पैदल की जानी होती है. इसमें बूदी, गर्ब्यांग, गुंजी , कालापानी इत्यादि स्थानों से होते हुए लिपू-लेख दर्रे से होकर तिब्बत की सीमा में प्रवेश किया जाता है जिसके बाद चीनी अधिकारियों की पहरेदारी में कैलाश-मानसरोवर के दर्शन कराये जाते हैं. (Kailash Mansarovar Rare Photos)

काफल ट्री के अन्तरंग सहयोगी और मशहूर फोटोग्राफर रोहित उमराव ने कई वर्ष पूर्व यह यात्रा की थी. उन्होंने इस यात्रा में कुछ दुर्लभ फोटो खींचे थे. उनमें से कुछ को हम आपके लिए विशेष रूप से पेश कर रहे हैं.

राकस ताल और कैलाश पर्वत
मानसरोवर में स्नान. पार्श्व में गुरला मान्धाता को देखा जा सकता है.
राकस ताल और पार्श्व में पवित्र कैलाश पर्वत
यमद्वार. इस स्थान से कैलाश-मानसरोवर की यात्रा आरम्भ होती है. तिब्बत में रहने वाले बौन सम्प्रदाय की मान्यता है कि इस द्वार के बीच से वही गुजर सकता है जिसने कोई पाप न किया हो.
यमद्वार से तीन किलोमीटर आगे कैलाश पर्वत का उत्तर-पश्चिमी छोर
यमद्वार से तीन किलोमीटर आगे उत्तर-पश्चिमी छोर पर विशिष्ट चट्टानी संरचना
उत्तरी छोर से कैलाश दर्शन
उत्तरी छोर से कैलाश का क्लोज अप
कैलाश पर्वत से निकलती कैलाश गंगा की धारा
डोल्मा पास (5550 फीट) से कैलाश पर्वत का पूर्वी दृश्य
अपने तम्बुओं में भोजन पकाते बौनपा संप्रदाय के तीर्थयात्री – ये लोग कैलाश की उल्टी यानी दाएं से बाएं परिक्रमा करते हैं
कैलाश पर्वत के दक्षिणी प्रस्तार से एक ही तस्वीर में मानसरोवर और राकस ताल का दुर्लभ नजारा
मानसरोवर और गुरला मान्धाता पर्वत
दक्षिण छोर से निकलने वाली धारा के समीप शृंगार करती बौनपा युवतियां
कैलाश के प्रतिविम्ब को राकस ताल देखने पर यात्रियों की खुशी देखते ही बनती है

बेहतरीन फोटो पत्रकार रोहित उमराव लम्बे समय तक अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिन्दुस्तान जैसे समाचार पत्रों में महत्त्वपूर्ण पदों पर रहे.  मूलतः उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के अस्धना से ताल्लुक रखने वाले रोहित ने देश विदेश की यात्रायें की हैं और वहां के जीवन को अपने कैमरे में उतारा है. फिलहाल फ्रीलान्सिंग करते हैं.

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

View Comments

  • पवित्र कैलाश-मानसरोवर के दर्शन यात्रा वृतांत व चित्र बहुत सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार आपका

Recent Posts

कुमाउँनी बोलने, लिखने, सीखने और समझने वालों के लिए उपयोगी किताब

1980 के दशक में पिथौरागढ़ महाविद्यालय के जूलॉजी विभाग में प्रवक्ता रहे पूरन चंद्र जोशी.…

2 days ago

कार्तिक स्वामी मंदिर: धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का आध्यात्मिक संगम

कार्तिक स्वामी मंदिर उत्तराखंड राज्य में स्थित है और यह एक प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थल…

4 days ago

‘पत्थर और पानी’ एक यात्री की बचपन की ओर यात्रा

‘जोहार में भारत के आखिरी गांव मिलम ने निकट आकर मुझे पहले यह अहसास दिया…

1 week ago

पहाड़ में बसंत और एक सर्वहारा पेड़ की कथा व्यथा

वनस्पति जगत के वर्गीकरण में बॉहीन भाइयों (गास्पर्ड और जोहान्न बॉहीन) के उल्लेखनीय योगदान को…

1 week ago

पर्यावरण का नाश करके दिया पृथ्वी बचाने का संदेश

पृथ्वी दिवस पर विशेष सरकारी महकमा पर्यावरण और पृथ्वी बचाने के संदेश देने के लिए…

1 week ago

‘भिटौली’ छापरी से ऑनलाइन तक

पहाड़ों खासकर कुमाऊं में चैत्र माह यानी नववर्ष के पहले महिने बहिन बेटी को भिटौली…

2 weeks ago