पिछले कुछ दिनों में सोशियल मीडिया में गुड़िया की कुछ तस्वीरों की फोटो वायरल हो रही हैं. उत्तराखंड की पारंपरिक पोशाक पहने इस गुड़िया का नाम रखा गया है जुन्याली. Junyali the First Uttarakhandi Doll
फ्योंली एंड पाइंस एल. एल. पी, नाम की कंपनी ने इस गुड़िया को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कुछ समय पहले लांच किया है. Junyali the First Uttarakhandi Doll
अपने फेसबुक पेज पर इस गुड़िया की मार्केटिंग करते हुए भास्कर भौंर्याल ने लिखा है:
“सबसे ख़ास बात यह है कि पहाड़ की जुन्याली दिखने के साथ-साथ पहाड़ी गानों पर भी नृत्य करती है. पहाड़ी गानों पर नृत्य करती यह उत्तराखंड का पहला टाय है. कम्पनी का उद्देश्य व्यवसाय के साथ साथ उत्तराखंड की संस्कृति और वेश भूषा को भी जन-जन तक पहुँचना है. अगर आपको भी जुन्याली को ख़रीदना है Phyonli & Pines के पेज को लाइक करें और मैसेज करें. आप मुझे या Akki Adhikari, Pankaj Adhikari को भी मैसेज कर सकते हैं. जल्द ही ये जुन्याली Syara Retails Delhi में और online TUDS पर भी उपलब्ध होगी. इसके साथ साथ जुन्याली भारत के सभी टाय शॉप्स पर भी उपलब्ध होगी और भारत से बाहर भेजी जायगी.” Junyali the First Uttarakhandi Doll
इसी कंपनी से जुड़े पंकज अधिकारी ने अपनी एक पोस्ट में इस गुड़िया के साथ जुडी अपनी भावनाओं को प्रकट करते हुए लिखा है:
“उत्तराखंड स्थापना दिवस पर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई. यह दिन हमारे महान नेताओं और उत्तराखंड के लोगों द्वारा कई बलिदानों की याद दिलाता है.
हमारी “देव भूमि”, पवित्र नदी गंगा की उत्पत्ति और 4 धाम के लिए जानी जाती है. कई सामाजिक संगठन और सरकारी प्राधिकरण हमारे सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देने और हमारी भाषा को बनाए रखने के लिए पाठ्यक्रम गतिविधियों और योजनाओं को चला रहे हैं। ये प्रयास हमारी जड़ों को मजबूत रखने और हमारे अंदर एक उत्तराखंडी को जीवंत करने के लिए सहायक हैं.
टीम फ्योंली और पाइंस का उद्देश्य इन मूल्यों पर आधारित है. जैसा कि हम कहते हैं – A Journey towards the hills.
इस साल हमने अपना पहला प्रोडक्ट “जुन्याली” पेश किया जो पहली पहाड़ी संगीतमय गुड़िया है. यह केवल एक खिलौना नहीं है, बल्कि कई अभिभावकों का सपना है कि हम अपने बच्चों से समृद्ध सांस्कृतिक भाषा सुनें या अनुभव करें और हमारी सुंदर भाषा में बातचीत करें.
टीम फ्योंली और पाइंस हमारे समृद्ध सांस्कृतिक मूल्यों के बारे में जागरूकता लाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि भगवान शिव की इस भाषा के रंग कभी फीके न पड़ें। दयालुता और एकजुटता का आगामी पीढ़ियों में जारी रहना चाहिए.”
इस अभिनव प्रयोग को करने वाली और एक बड़े सपने को पूरा कर देने वाली टीम फ्योंली एंड पाइंस को हमारी बधाई और ढेर सारी शुभकामनाएं.
(जुन्याली आर्डर करने के लिए इस नंबर पर व्हाट्सएप संपर्क किया जा सकता है: 00 91 7300-758707)
सभी फोटो: फ्योंली एंड पाइंस के फेसबुक पेज से साभार
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