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7 Comments

  1. संजय कबीर

    बहुत दिनों के बाद इतनी शानदार कहानी पढ़ी ।हर लिहाज से बेहतरीन ।अब तो लेखक की दूसरी रचनाएँ भी पढ़नी पडेंगी । ढेरों बधाई ….संजय कबीर

  2. दिनेश पपनैं

    पहाड़ की पहाड़ जैसी समस्याओं को दिखाती शानदार कहानी।

  3. अजय कुमार दुबे

    रिश्तों पर जमी बर्फ को पिघलाती ये कहानी मर्म की नमीं को आंखों के कोरों तक ले आयी
    बधाई हो क्षितिज शर्मा जी और धन्यवाद काफल ट्री

  4. Umesh Bhatt

    बहुत सुन्दर.

  5. वाचस्पति

    क्षितिज शर्मा अब संभवतः इस नश्वर संसार में नहीं हैं।वे शैलेश मटियानी, विद्यासागर नौटियाल की परंपरा के लेखक हैं।उनकी समग्र रचनाओं का प्रकाशन संस्कृति विभाग उत्तराखंड को कराना चाहिए।क्षितिज शर्मा की कथाकृतियोंमें पहाड़ी जीवन प्रामाणिक तौर पर सामने आता है।-वाचस्पति09450162925.

  6. वंदना बहुगुणा

    कहानी पढ़ते हुए लगा हर दृश्य जीवंत हो उठा हो, उत्तम रचना ।

  7. ब्रह्मा नन्द शर्मा

    बहुत ही सुन्दर। पढ़ते-पढ़ते ही सम्पूर्ण दृश्य जीवन्त हो उठा, ऐसा लग रहा है मानो आंखों के सामने घटित हो रहा है। भावपूर्ण कहानी।

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