Featured

हर दिन हरेला जीने वाली पहाड़ की महिलाएं

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये क्लिक करें – Support Kafal Tree

आज हरेला है और पूरे उत्तराखंड में यह त्यौहार पूरे आनंद के साथ मनाया जाता है. घरों में हरेला बोया जाता है जो आज के दिन काटा जाता है और परिवार के सभी सदस्यों को चढ़ाया जाता है पर इस एक दिन मनाए जाने वाले हरेले के अलावा पहाड़ में हरेले का त्यौहार तो खेतों में पूरे साल ही चलता है जिसकी पताका होती है यहां की कर्मठ और जुझारू महिलाओं के हाथ.
(Harela Photos Uttarakhand)

पहाड़ की महिलाएं लगभग पूरे साल ही अपने प्रिय खेतों से चिपकी रहती हैं. मतलब उन्हें इन खेतों से इतना मोह है कि शायद हीर को रांझा से भी न रहा हो. आप इन्हें खेतों में काम करते देख कर इनके खेतों के प्रति समर्पण को देख कर रश्क कर सकते हैं कि आप कोई काम इतने समर्पण से क्यों नहीं कर पाते जो ये कम किताबी शिक्षा प्राप्त महिलाएं इतने सफल तरीके और सलीके से कर लेती हैं.
(Harela Photos Uttarakhand)

पहाड़ की महिलाएं किसी सफल मैनेजमेंट गुरू से कहीं बढ़िया तरीके से अपने खेतों में धान की रोपाई हुड़के की थाप के साथ करती हैं. नाचते गाते धान रोपाई करना फिर घंटों उसकी निराई गुड़ाई करना और फिर फसल तैयार होने पर उसकी कटाई ये ही इनके जीवन का असल हिस्सा है और ये प्रक्रिया प्रतिदिन, प्रति साल और न जाने कितने सालों सदियों से चली आ रही है. हर दिन हरेला जीने वाली पहाड़ की इन महिलाओं का हरेला ऐसा ही बना रहे जीवन भर. हरेले की शुभकामनाएं हरे भरे फोटोग्राफ्स के साथ.

सभी तस्वीरें काफल ट्री के अनन्य साथी जयमित्र सिंह बिष्ट के कैमरे से
(Harela Photos Uttarakhand)

जयमित्र सिंह बिष्ट

अल्मोड़ा के जयमित्र बेहतरीन फोटोग्राफर होने के साथ साथ तमाम तरह की एडवेंचर गतिविधियों में मुब्तिला रहते हैं. उनका प्रतिष्ठान अल्मोड़ा किताबघर शहर के बुद्धिजीवियों का प्रिय अड्डा है. काफल ट्री के अन्तरंग सहयोगी.

इसे भी पढ़ें: सोमेश्वर से धान की रोपाई की जीवंत तस्वीरें

काफल ट्री का फेसबुक पेज : Kafal Tree Online

काफल ट्री वाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिये यहाँ क्लिक करें: वाट्सएप काफल ट्री

काफल ट्री की आर्थिक सहायता के लिये यहाँ क्लिक करें

Kafal Tree

Recent Posts

शराब की बहस ने कौसानी को दो ध्रुवों में तब्दील किया

प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानंदन पंत की जन्म स्थली कौसानी,आजादी आंदोलन का गवाह रहा कौसानी,…

2 days ago

अब मानव निर्मित आपदाएं ज्यादा देखने को मिल रही हैं : प्रोफ़ेसर शेखर पाठक

मशहूर पर्यावरणविद और इतिहासकार प्रोफ़ेसर शेखर पाठक की यह टिप्पणी डाउन टू अर्थ पत्रिका के…

3 days ago

शराब से मोहब्बत, शराबी से घृणा?

इन दिनों उत्तराखंड के मिनी स्विट्जरलैंड कौसानी की शांत वादियां शराब की सरकारी दुकान खोलने…

3 days ago

वीर गढ़ू सुम्याल और सती सरू कुमैण की गाथा

कहानी शुरू होती है बहुत पुराने जमाने से, जब रुद्र राउत मल्ली खिमसारी का थोकदार…

3 days ago

देश के लिये पदक लाने वाली रेखा मेहता की प्रेरणादायी कहानी

उधम सिंह नगर के तिलपुरी गांव की 32 साल की पैरा-एथलीट रेखा मेहता का सपना…

4 days ago

चंद राजाओं का शासन : कुमाऊँ की अनोखी व्यवस्था

चंद राजाओं के समय कुमाऊँ का शासन बहुत व्यवस्थित माना जाता है. हर गाँव में…

4 days ago